जयपुर। SMS के रेजिडेंट्स की हड़ताल का 15वां दिन है। एक पखवाड़े से मरीजों की दिक्कतें भूल रेजिडेंट्स कार्य बहिष्कार कर रहे है। हड़ताल के चलते OPD, IPD से लेकर इमरजेंसी में मरीजों का दर्द बढ़ रहा है। हालांकि, चिकित्सा विभाग से वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए SMS 50 डॉक्टर्स भेजे हैं। लेकिन मरीजों के दबाव को देखते हुए ये वैकल्पिक व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुई है। इस बीच राजमेस के 18 मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट्स ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। कल रात 8 बजे से राजमेश के रेजिडेंट इलेक्टिव सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। अगले 24 घंटों में मांगे नहीं माने जाने पर अल्टीमेटम दिया है। आज रात 8 बजे से इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार का ऐलान किया है।
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सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित
जार्ड के नेतृत्व में रेजिडेंट चिकित्सकों (resident physicians) का विभिन्न मांगों को लेकर जारी संपूर्ण कार्य बहिष्कार सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। इस हड़ताल के चलते एसएमएस अस्पताल, जेके लोन अस्पताल और अन्य सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित(Medical system in government hospitals badly affected) हो रही है, विशेष रूप से मेडिसिन और सर्जरी विभागों में। इस मामले में जार्ड के पदाधिकारियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इन रेजिडेंट्स डॉक्टर का हो सकता है पीजी रजिस्ट्रेशन रद्द
रेसिडेंट चिकित्सकों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए सर्जरी और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग (Department of Surgery and Emergency Medicine) की फैकल्टी ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज(SMS Medical College) के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि रेजिडेंट चिकित्सक बिना किसी पूर्व सूचना और ठोस कारण के कार्यस्थल से अनुपस्थित रहते हैं और कार्य बहिष्कार कर देते हैं, जिससे गंभीर मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि जो भी पीजी चिकित्सक (PG doctor) इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में अनुपस्थित या हड़ताल पर हैं, उनके पीजी रजिस्ट्रेशन को रद्द (PG registration canceled) करने की कार्रवाई की जाए।
50 डॉक्टर अतिरिक्त लगाए जाएंगे
हड़ताल के चलते मरीजों को हो रही समस्याओं के समाधान के लिए एसएमएस अस्पताल में 50 अतिरिक्त डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं, और जल्द ही और 50 डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। जेके लोन, महिला चिकित्सालय और जनाना अस्पताल में भी डिमांड के अनुसार डॉक्टर लगाए जा रहे हैं। हालांकि, एसएमएस अस्पताल में ओपीडी में सीनियर डॉक्टर मरीजों की देखभाल के लिए संघर्ष करते नजर आए, जबकि जगह-जगह कतारें लगी थीं और मरीज परेशान दिख रहे थे। सामान्य की तुलना में भीड़ कम थी, लेकिन मरीजों को अभी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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