Oil Companies: तेल कंपनियों का मुनाफा 15 रुपए प्रति लीटर बढ़ा, ग्राहकों को राहत नहीं

कच्चे तेल की कीमतों में प्रत्येक एक डॉलर प्रति बैरल की गिरावट से भारत के आयात बिल पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होती है। 2024 के आर्थिक सर्वेक्षण में इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की औसत कीमत 84 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि अब यह 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच में है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कीमतें इस दायरे में स्थिर हो गईं, तो भारत इस वित्त वर्ष के शेष समय में कच्चे तेल के आयात पर पर्याप्त बचत करेगा। इससे महंगाई भी घटेगी। साथ ही, ज्यादा निवेश भी हो सकेगा।

नई दिल्ली। देश की तेल कंपनियों (Oil Companies) का मुनाफा ( Profit) मार्च से लेकर अब तक पेट्रोल पर प्रति लीटर 15 रुपये बढ़ गया है। डीजल पर 12 रुपये बढ़ा है। इस दौरान कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल से घटकर शुक्रवार को 72 डॉलर से नीचे आ गया। इस आधार पर लोगों को तीन रुपये प्रति लीटर का फायदा मिल सकता है। बावजूद इसके ग्राहकों को कोई भी राहत नहीं मिली है। एक अनुमान के मुताबिक सरकार इस साल आयात पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये बचा सकती है।


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लंबे समय से तेल की कीमतें स्थिर

कच्चा तेल 71.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। लगातार कीमतें घटने से सरकार चालू वित्त वर्ष में आयात बिल के रूप में 60,000 करोड़ रुपये बचा सकती है। लेकिन ग्राहकों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। इक्रा की रिपोर्ट (ICRA report) कहती है कि तेल मार्केटिंग कंपनियां चाहें तो वे फायदा दे सकती हैं, पर लंबे समय से वे तेल की कीमतें स्थिर रखी हैं।


और बढ़ सकता है घरेलू कंपनियों का मुनाफा
इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी यानी इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि मार्च से अब तक कच्चे तेल की कीमत 12 फीसदी घट गई है। कई रिपोर्ट का मानना है कि सऊदी अरब (saudi arabia) उत्पादन बढ़ाने को कच्चे तेल के लिए 100 डॉलर प्रति बैरल के अपने मूल्य लक्ष्य को छोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे आने वाले समय में कीमतों में और गिरावट की आशंका है, जिससे घरेलू कंपनियों के मुनाफे में और बढ़ोतरी हो सकती है।


13,000 करोड़ की वार्षिक बचत
कच्चे तेल की कीमतों में प्रत्येक एक डॉलर प्रति बैरल की गिरावट से भारत के आयात बिल पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होती है। 2024 के आर्थिक सर्वेक्षण (economic survey) में इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की औसत कीमत 84 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि अब यह 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच में है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कीमतें इस दायरे में स्थिर हो गईं, तो भारत इस वित्त वर्ष के शेष समय में कच्चे तेल के आयात (crude oil imports) पर पर्याप्त बचत करेगा। इससे महंगाई भी घटेगी। साथ ही, ज्यादा निवेश भी हो सकेगा।


तीन तेल कंपनियों ने कमाया 81,000 करोड़ का फायदा
तीन प्रमुख तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल (Bharat Petroleum, Hindustan Petroleum and Indian Oil) ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 81,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें इंडियन ऑयल का मुनाफा 39,619 करोड़ रुपये रहा है। भारत पेट्रोलियम का 26,673 करोड़ रुपये रहा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 14,694 करोड़ रुपये कमाए हैं।


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