Cyber Crime:साइबर ठगों का दुस्साहस, SP बन थानों में कर रहे कॉल, पुलिस से ही ठगी की साजिश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साइबर जालसाजों के करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को फोन कर चुके। इनमें कोई थानाधिकारी है तो कोई आरपीएस अधिकारी है। पुलिस के सख्त जवाब सुनकर साइबर जालसाज फोन बंद कर लेते हैं। हालांकि कोई पुलिसकर्मी रकम ठगा भी गया तो उसने इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। अभी तक इस तरह पुलिसकर्मी से ठगी होने का मामला सामने नहीं आया। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि झारखंड और मुम्बई से साइबर जालसाज उनको ठगने के लिए झारखंड, मुम्बई और अन्य राज्यों से फोन कर रहे हैं।
जयपुर। साइबर जालसाज पुलिस पर ही ठगी का जाल फेंक रहे हैं। पुलिस थानों में जवानों व थानेदारों (Soldiers and police officers in police stations) के पास एसपी बनकर ठग कॉल कर रहे हैं। पहले एसपी बनकर सट्टे वालों के खिलाफ अभियान(campaign against speculators) चलाने का आदेश दे रहे हैं। इसके बाद ठग मुखबिरी के बहाने (under the pretext of whistleblowing) जवानों से रुपए मांग रहे हैं। पुलिस को झांसा दिया गया कि जुए-सट्टे की गैंग में वो या फिर उनका साथी शामिल हो जाएगा। सूचना देने के लिए ‘की पैड’ वाला मोबाइल जरूरी बता कर उसे खरीदने के नाम पर रुपए मांग रहे हैं। ऐसे कॉल आने के बाद पुलिस सचेत हो गई है। पुलिस की सख्ती जवाब के चलते वारदात नहीं कर सके।
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साइबर जालसाज कर चुके हैं पुलिसकर्मियों को फोन
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साइबर जालसाजों (cyber fraudsters) के करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को फोन कर चुके। इनमें कोई थानाधिकारी है तो कोई आरपीएस अधिकारी है। पुलिस के सख्त जवाब सुनकर साइबर जालसाज फोन बंद कर लेते हैं। हालांकि कोई पुलिसकर्मी रकम ठगा भी गया तो उसने इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। अभी तक इस तरह पुलिसकर्मी से ठगी होने का मामला सामने नहीं आया। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि झारखंड और मुम्बई (Jharkhand and Mumbai) से साइबर जालसाज उनको ठगने के लिए झारखंड, मुम्बई और अन्य राज्यों से फोन कर रहे हैं।
एक-दूसरे को कर रहे सतर्क
साइबर जालसाजों की करतूत का पता चलने के बाद पुलिसकर्मी एक-दूसरे को सतर्क कर रहे हैं। कोई वाट्सऐप ग्रुप पर तो कोई निजी स्तर पर संपर्क कर ऐसे जालसाजों से बचने की नसीहत दे रहा है।
अनजान नंबर से फोन आते हैं
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप (Additional Police Commissioner Kunwar Rashtradeep) ने कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी के पास अनजान नंबर से फोन आ रहा है और पैसे ट्रांजेक्शन करने की बात कहता है तो फोन के आधार पर पैसे ट्रांजेक्शन नहीं करने चाहिए। कोई मुखबिर बनकर भी संपर्क करता है तो पहले दो-तीन बार उससे मुलाकात करें। उसके बाद ही उस व्यक्ति पर विश्वास करना चाहिए।
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