BH Number Plate: क्या है BH नंबर प्लेट लगाने के फायदे और नुकसान? जानें कैसे मिलेगा?

BH वाले नंबर प्लेट के लिए सबसे पहले MoRTH के Vahan पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। इसके बाद फॉर्म 20 भरना होगा। वही प्राइवेट फॉर्म के कर्मचारियों को फॉर्म 16 भरना होगा। अपने वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्पलाई आईडी भी देनी होगी। इसके बाद स्टेट अथॉरिटी मलिक की एलिजिबिलिटी वेरीफाई की जाएगी। इसके बाद आपको सीरीज टाइप में से BH सेलेक्ट करना होगा। इसके बाद जरूर डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे। आरटीओ ऑफिस से BH सीरीज की मंजूरी के बाद आपको फीस चुकानी होगी। इसके बाद आपके वाहन के लिए BH सीरीज नंबर जनरेट हो जाएगा।

जयपुर। गाड़ियों की पहचान के लिए उनकी नंबर प्लेट सबसे जरुरी है। किसी भी गाड़ी के नंबर प्लेट की स्टार्टिंग डिजिट से ही आपको पता चल जाता है गाड़ी किस राज्य की है। लेकिन अब भारत में BH नंबर की नेम प्लेट (BH Number Plate) भी मिलती है। आपने भी ऐसी कई गाड़ियां देखी होंगी जिनका नंबर BH से शुरू होता है।


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किसे मिलता है BH नंबर प्लेट

BH नंबर प्लेट सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही मिलता है। बता दें BH नंबर प्लेट के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारी ही अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा डिफेंस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. बैंक कर्मचारी भी BH नंबर प्लेट हासिल कर सकते हैं। प्रशासनिक सेवा में शामिल कर्मचारियों भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। तो वहीं चार से ज्यादा राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में जिस प्राइवेट फर्म का ऑफिस हो उसके कर्मचारी भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं।


क्या है फायदे और नुक्सान?
BH नंबर प्लेट का फायदा उन लोगों को ज्यादा मिलता है जिनका काम ट्रैवल से जुड़ा हुआ होता है। या यूं कहा जाए कि जिन लोगों को हर थोड़े समय में दूसरे शहर में शिफ्ट होना पड़ता है। ऐसे लोगों को दूसरे राज्य जाने पर दोबारा गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना पड़ता। क्योंकि BH नंबर प्लेट ऑल इंडिया वैलिड होती है। इस नंबर प्लेट की मदद से भारत में कहीं भी इस गाड़ी को ले जाया जा सकता है। इसका नुकसान सिर्फ यह है कि यह सभी लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। तो वहीं ट्रांसपोर्ट गाड़ियां भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती।


कैसे मिलेगा BH नंबर प्लेट?
BH वाले नंबर प्लेट के लिए सबसे पहले MoRTH के Vahan पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। इसके बाद फॉर्म 20 भरना होगा। वही प्राइवेट फॉर्म के कर्मचारियों को फॉर्म 16 भरना होगा। अपने वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्पलाई आईडी भी देनी होगी। इसके बाद स्टेट अथॉरिटी मलिक की एलिजिबिलिटी वेरीफाई की जाएगी। इसके बाद आपको सीरीज टाइप में से BH सेलेक्ट करना होगा। इसके बाद जरूर डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे। आरटीओ ऑफिस से BH सीरीज की मंजूरी के बाद आपको फीस चुकानी होगी। इसके बाद आपके वाहन के लिए BH सीरीज नंबर जनरेट हो जाएगा।


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