Kota News : अंधविश्वास के खेल में मृतक बच्चे की आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे परिजन, चार साल पहले हुई थी मौत

जानकारी के अनुसार जिले के झाड़गंज गांव निवासी मृतक बच्चे मनराज के पिता रामफूल केवट ने बताया कि करीब 4 साल पहले उनके बेटे की एमबीएस अस्पताल में बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद से ही परिवार में संकट खड़ा हो गया। हर कोई बीमार रहने लगा, जिसके बाद किसी से सलाह लेने पर बच्चे की आत्मा ले जाने की बात कही थी। ऐसे में आज परिजन उसकी आत्मा लेने के लिए कोटा पहुंचे थे। अस्पताल के गेट पर ही परिजनों द्वारा पूजा करने के बाद एक महिला के शरीर में देवी-देवता आने लगे। परिजनों का कहना है कि हम किसी को परेशान करने नहीं आए लेकिन सिर्फ अपने बेटे की आत्मा लेने के लिए आए हैं।

कोटा। संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल में एक बार फिर अंधविश्वास का खेल देखने को मिला। जहां पर करीब 4 साल पहले इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत के बाद आज मृतक बच्चे के परिजन उसकी आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रशासन द्वारा अंदर प्रवेश की इजाजत नहीं मिलने पर परिजनों और उनके साथ आए ग्रामीणों ने गेट पर ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी और धरने पर बैठ गए। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस कुछ लोगों को अपने साथ अस्पताल परिसर में बनी चौकी में ले गई।


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बच्चे की मौत के बाद से ही परिवार में संकट

मिली जानकारी के अनुसार जिले के झाड़गंज गांव निवासी मृतक बच्चे मनराज के पिता रामफूल केवट ने बताया कि करीब 4 साल पहले उनके बेटे की एमबीएस अस्पताल में बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद से ही परिवार में संकट खड़ा हो गया। हर कोई बीमार रहने लगा, जिसके बाद किसी से सलाह लेने पर बच्चे की आत्मा ले जाने की बात कही थी। ऐसे में आज परिजन उसकी आत्मा लेने के लिए कोटा पहुंचे थे। अस्पताल के गेट पर ही परिजनों द्वारा पूजा करने के बाद एक महिला के शरीर में देवी-देवता आने लगे। परिजनों का कहना है कि हम किसी को परेशान करने नहीं आए लेकिन सिर्फ अपने बेटे की आत्मा लेने के लिए आए हैं।


अस्पताल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया
आपको बता दें कि अस्पताल से आत्मा लेने जाने का ये अंधविश्वास का खेल पहला नहीं है, इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अस्पताल से आत्मा ले जाने दांवा भीलवाड़ा, बूंदी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग यहां आ चुके हैं। पहले अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से लोग उस वार्ड और बेड तक पहुंच जाते थे, जहां पर परिवार में से किसी की मौत हुई है। लेकिन बीते कुछ सालों से सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है, जिसके बाद से ही आत्मा लेने आने वाले लोगों को गेट पर ही रोक लिया जाता है।


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