अलवर शहर में पैंथरों की आमद जारी, भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के पास दिखे दो पैंथर, लोगों में दहशत
अलवर में पैंथरों का शहर की आबादी में आना लगातार जारी है। बीते कल शाम को दो पैंथर भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के उत्तर दिशा में पहाड़ी पर देखे गए। पैंथरों को देखकर मंदिर में आए श्रद्धालुओं में जहां कौतूहल और घबराहट का माहौल बना, वहीं कई लोग रोमांचित भी हुए। हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों में भी पैंथर देखे गए हैं। कुछ दिन पहले राजर्षि कॉलेज और सुगनाबाई धर्मशाला के पास पैंथरों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। इनमें से सुगनाबाई धर्मशाला के पास आए पैंथर को रेस्क्यू कर लिया गया था, लेकिन राजर्षि कॉलेज में देखे गए पैंथर का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसके अलावा, कुछ दिन पहले मनसा देवी मंदिर के ऊपर पहाड़ियों पर भी दो पैंथर नजर आए थे। अब भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के पास दो और पैंथरों की मौजूदगी दर्ज हुई है। श्रद्धालुओं ने करीब डेढ़ घंटे तक इन पैंथरों को पहाड़ी पर बैठे देखा।

अलवर। शहर में पैंथरों की लगातार आमद से वन विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। रेस्क्यू कर उन्हें सरिस्का में छोड़ा जाता है, लेकिन कुछ समय बाद वे फिर से आबादी में लौट आते हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी पैंथर ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है।
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कौतूहल और घबराहट का माहौल
अलवर में पैंथरों का शहर की आबादी में आना लगातार जारी है। बीते कल शाम को दो पैंथर भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के उत्तर दिशा में पहाड़ी पर देखे गए। पैंथरों को देखकर मंदिर में आए श्रद्धालुओं में जहां कौतूहल और घबराहट का माहौल बना, वहीं कई लोग रोमांचित भी हुए। हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों में भी पैंथर देखे गए हैं। कुछ दिन पहले राजर्षि कॉलेज और सुगनाबाई धर्मशाला के पास पैंथरों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। इनमें से सुगनाबाई धर्मशाला के पास आए पैंथर को रेस्क्यू कर लिया गया था, लेकिन राजर्षि कॉलेज में देखे गए पैंथर का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसके अलावा, कुछ दिन पहले मनसा देवी मंदिर के ऊपर पहाड़ियों पर भी दो पैंथर नजर आए थे। अब भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के पास दो और पैंथरों की मौजूदगी दर्ज हुई है। श्रद्धालुओं ने करीब डेढ़ घंटे तक इन पैंथरों को पहाड़ी पर बैठे देखा।
जंगल में बाघों की बढ़ती संख्या से पैंथर हो रहे हैं विस्थापित
विशेषज्ञों के मुताबिक, सरिस्का के बफर ज़ोन में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण पैंथर वहां से निकलकर आबादी की ओर आ रहे हैं। बाघों की बढ़ती संख्या के कारण पैंथरों को जंगल में रहने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि वे बाघों के साथ संघर्ष से बचने के लिए नए ठिकाने तलाश रहे हैं। हाल ही में टाइगर T-2303 बफर ज़ोन से निकलकर हरियाणा तक पहुंच गया था।
वन विभाग की चिंता भी बढ़ी
शहर में पैंथरों की लगातार आमद से वन विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। रेस्क्यू कर उन्हें सरिस्का में छोड़ा जाता है, लेकिन कुछ समय बाद वे फिर से आबादी में लौट आते हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी पैंथर ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है। भूरासिद्ध मंदिर के पास देखे गए दोनों पैंथर लंबे समय तक पहाड़ी पर ही बैठे रहे, जिससे श्रद्धालु उन्हें करीब से देख सके। इससे पहले भी एक बार इस इलाके में बाघ पानी की तलाश में पहुंचा था और पानी पीकर वापस जंगल लौट गया था। वन विभाग अब लगातार इन पैंथरों पर नज़र बनाए हुए है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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