जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट में मिले जिंदा बम मामले में बहस पूरी, अब 4 अप्रेल को विशेष कोर्ट सुनाएगी फैसला

जिंदा बम प्लांट करने के मामले में 4 आरोपियों पर कोर्ट फैसला देगी। जिन 4 आरोपियों को लेकर आज फैसला आएगा, उनमें से 2 आरोपी सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। वहीं, मोहम्मद सरवर आजमी और आरोपी शाहबाज अहमद बेल पर बाहर है।जिंदा बम प्लांट मामले में बहस पूरी हो गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अभियोजक श्रवण कुमार ने मामले के 4 आरोपी शाहबाज, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ व सैफुर्रहमान के खिलाफ 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। करीब 1200 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया है। आरोपियों के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से कोई भी गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए। बचाव पक्ष ने 122 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया है।

जयपुर। जयपुर में करीब 17 साल पहले यानि 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था। इस सीरियल बम ब्लास्ट में चांदपोल के रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। जिंदा बम मामले में आज शनिवार को प्रस्तावित फैसला टल गया। जयपुर की विशेष कोर्ट अब 4 अप्रेल को फैसला सुनाएगी। बस थोड़ा इंतजार करें।


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चार आरोपियो में 2 जेल 2 बेल पर

जिंदा बम प्लांट करने के मामले में 4 आरोपियों पर कोर्ट फैसला देगी। जिन 4 आरोपियों को लेकर आज फैसला आएगा, उनमें से 2 आरोपी सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। वहीं, मोहम्मद सरवर आजमी और आरोपी शाहबाज अहमद बेल पर बाहर है।


करीब 1200 दस्तावेजों को करवाया प्रदर्शित
जिंदा बम प्लांट मामले में बहस पूरी हो गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अभियोजक श्रवण कुमार ने मामले के 4 आरोपी शाहबाज, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ व सैफुर्रहमान के खिलाफ 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। करीब 1200 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया है। आरोपियों के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से कोई भी गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए। बचाव पक्ष ने 122 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया है। शनिवार को विशेष कोर्ट के जज रमेश कुमार जोशी 4 आरोपियों की किस्मत का फैसला करेंगे।


मिली थी फांसी की सजा पर अभी सुप्रीम कोर्ट में है पेंडिग
जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले के अन्य 8 मामलों में इसी विशेष कोर्ट ने करीब साढ़े 5 वर्ष पूर्व आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। पर आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। अब इस मामले में राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जहां केस अभी पेंडिग है।


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