Jeen Mata Mandir: जीण माता का वार्षिक लक्खी मेला शुरू, देश भर से पहुंच रहे श्रद्धालु, मंदिर लगभग 1000 साल पुराना
जीण माता, जिन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है, राजस्थान के सीकर जिले के पास अरावली पर्वतमाला में स्थित हैं। यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है और जीण माता को दुर्गा का अवतार माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, जीण माता का जन्म चौहान वंश में हुआ था। उन्होंने समाज की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए कठोर तपस्या की थी। माना जाता है कि एक बार उनके गांव पर संकट आया, तब जीण माता ने अपनी शक्ति से गांव की रक्षा की। बाद में उन्होंने इस पर्वत पर साधना की और यहीं लीन हो गईं। उनके भाई हर्ष ने भी पास के हर्ष पर्वत पर तपस्या की, जहां अब हर्षनाथ मंदिर है। जीण माता मंदिर का गर्भगृह अत्यंत भव्य है और नवरात्रों में यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। जीण माता का मेला चैत्र नवरात्रि में लगता है।

जयपुर। सीकर जिले के प्रसिद्ध आस्था धाम जीण माता में चैत्र नवरात्रि का मेला शुरू हो चुका है। चैत्र नवरात्र के दौरान जीण माता के दर्शन करने के लिए देश भर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मेले में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई तकलीफ न हो, इसके लिए जिला प्रशासन एवं मंदिर कमेटी की ओर से भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
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मंदिर लगभग 1000 साल पुराना
जीण माता, जिन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है, राजस्थान के सीकर जिले के पास अरावली पर्वतमाला में स्थित हैं। यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है और जीण माता को दुर्गा का अवतार माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, जीण माता का जन्म चौहान वंश में हुआ था। उन्होंने समाज की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए कठोर तपस्या की थी। माना जाता है कि एक बार उनके गांव पर संकट आया, तब जीण माता ने अपनी शक्ति से गांव की रक्षा की। बाद में उन्होंने इस पर्वत पर साधना की और यहीं लीन हो गईं। उनके भाई हर्ष ने भी पास के हर्ष पर्वत पर तपस्या की, जहां अब हर्षनाथ मंदिर है। जीण माता मंदिर का गर्भगृह अत्यंत भव्य है और नवरात्रों में यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। जीण माता का मेला चैत्र नवरात्रि में लगता है।
सजावट व रोशनी का व्यापक बंदोबस्त
जीण माता की आरती और झांकियां बहुत मनमोहक होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी जाती हैं। मंदिर से जुड़े मुकेश पुजारी, राकेश पुजारी, कमल पुजारी, योगेंद्र चौहान और सुनील पुजारी ने बताया कि मंदिर में सजावट व रोशनी का व्यापक बंदोबस्त किया गया है। वहीं, दर्शन के लिए जिगजैग बनाया गया है। गर्मी में श्रद्धालुओं को हीट वेव से बचाने के लिए मंदिर परिसर क्षेत्र के टीन शेड से मंदिर तक एरिया में मिस्ट स्प्रिंकलर लगवाया गया है। यह नवाचार जीण माता मंदिर ट्रस्ट ने मेले के दौरान भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए किया है। मंदिर कमेटी श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए पहले से बेहतर दर्शनों के लिए व्यवस्था करने में जुटी हुई है। मंदिर परिसर के आसपास हर जगह साफ सफाई की जा रही है। मंदिर कमेटी के अनुसार मेले में प्लास्टिक की थैली बैन रहेगी।
शराब और पशु बलि पूर्णतया प्रतिबंधित
मेले के दौरान शराब और पशु बलि पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी अगर कोई भी व्यक्ति शराब पीता हुआ या पशु बलि देता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मेले में 100 से अधिक से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और मंदिर परिसर में जगह-जगह गार्ड तैनात किए गए हैं। मंदिर में दिव्यांगों व असहाय वृद्धों के लिए व्हीलचेयर व ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों से अपील की कि मेले में पॉलीथिन, शराब और पशुबलि पूर्णतया निषेध रहेगी। जीण माता थानाधिकारी ने बताया कि संपूर्ण मेले में तकरीबन 800 से अधिक पुलिसकर्मी का जाब्ता तैनात किया गया है। मेले में शराब, पशुबली व डीजे के अलावा प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। मेले के दौरान स्थानीय ग्राम पंचायत सफाई, पेयजल, रोशनी व बैरिकेट्स की व्यवस्था की गई है।
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