Liquor New Rates : राजस्थान में आज से नई कीमतों पर बिकेगी शराब, आबकारी विभाग ने जारी की नई रेट लिस्ट
आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते के अनुसार आबकारी विभाग की वेबसाइट https://iems.rajasthan.gov.in पर मदिरा की नई दरों की सूची आमजन के लिए प्रदर्शित कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति प्रदेश में मदिरा की नई दरों की सूची का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। उक्त वेबसाइट में मुखपृष्ठ पर पब्लिक सेक्शन में एप्रूव्ड रेट लिस्ट के लिंक पर क्लिक करने पर भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बीयर सहित अन्य ब्रांड की मदिरा की नई रेट लिस्ट उपलब्ध है। प्रदेश में नई रेट लिस्ट की अनुसार ही अनुज्ञाधारी दुकानों पर मदिरा विक्रय किया जाएगा।

जयपुर। राजस्थान में शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खबर। आबकारी विभाग ने शराब की नई दरों की सूची जारी कर दी है। आबकारी विभाग की वेबसाइट के अनुसार बीयर और व्हिस्की सहित कई अंग्रेजी ब्रांड की शराब की कीमतों में करीब 5 फीसद की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं कुछ ब्रांड्स की कीमतों में कमी की गई है। मंगलवार यानि आज से प्रदेश की सभी लाइसेंसी शराब की दुकानों पर शराब की नई कीमतें लागू हो गई है। आबकारी विभाग के अनुसार सभी लाइसेंसी दुकानदारों को नई रेट लिस्ट दुकान पर लगाना अनिवार्य है। साथ ही नई एमआरपी पर ही बिक्री करना होगा। ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
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आबकारी विभाग की वेबसाइट पर देखें नई रेट लिस्ट
आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते के अनुसार आबकारी विभाग की वेबसाइट https://iems.rajasthan.gov.in पर मदिरा की नई दरों की सूची आमजन के लिए प्रदर्शित कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति प्रदेश में मदिरा की नई दरों की सूची का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। उक्त वेबसाइट में मुखपृष्ठ पर पब्लिक सेक्शन में एप्रूव्ड रेट लिस्ट के लिंक पर क्लिक करने पर भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बीयर सहित अन्य ब्रांड की मदिरा की नई रेट लिस्ट उपलब्ध है। प्रदेश में नई रेट लिस्ट की अनुसार ही अनुज्ञाधारी दुकानों पर मदिरा विक्रय किया जाएगा।
प्रदेश का सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग
आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते दुकानदारों को चेताते हुए कहा एमआरपी से अधिक वसूली पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। आबकारी विभाग के तहत प्रदेश में करीब 7,765 शराब की दुकानें हैं। वर्ष 2024-25 के अनुसार आबकारी विभाग को 17 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। कमाई के लिहाज से यह प्रदेश का सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग है।
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