Education News: 10वीं के छात्रों को RBSE की सौगात, गणित में री-चेकिंग की सुविधा, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होगी शुरुआत

अभी तक बोर्ड छात्रों को केवल री-टोटलिंग की सुविधा प्रदान करता था। री-टोटलिंग की प्रक्रिया में केवल उत्तर पुस्तिका में परीक्षक द्वारा दिए गए अंकों का कुल योग दोबारा किया जाता है। यदि गणना में कोई त्रुटि पाई जाती है तो उसे सुधारकर संशोधित अंक प्रदान किए जाते हैं और उसकी नई मार्कशीट जारी की जाती है। इस प्रक्रिया में केवल जोड़ने में गलती को सुधारा जाता है, उत्तर के मूल्यांकन को नहीं। इसके विपरीत री-चेकिंग की प्रक्रिया ज्यादा व्यापक होती है। इसमें छात्र द्वारा परीक्षा परिणाम पर आपत्ति दर्ज करने और आवेदन करने के बाद उसकी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि सभी प्रश्नों का मूल्यांकन सही तरीके से हुआ है या नहीं और यदि किसी उत्तर को कम या अधिक अंक दिए गए हैं तो उसे सुधारा जाएगा। इसके बाद छात्र को संशोधित मार्कशीट जारी की जाएगी।

धर्मेन्द्र सिंहल/अजमेर। आरबीएससी ने इस साल दसवीं के छात्रों को नई सौगात देने की तैयारी की है। बोर्ड अब परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को री-चेकिंग की सुविधा देने जा रहा है। हालांकि फिलहाल इसे केवल गणित विषय तक ही सीमित रखा गया है। बता दें कि अब तक छात्रों को केवल री-टोटलिंग की सुविधा उपलब्ध थी।


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बोर्ड द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस वर्ष 10वीं कक्षा के छात्रों को एक नई सुविधा देने की तैयारी में है। परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को अब गणित विषय में री-चेकिंग की सुविधा दी जाएगी। यह निर्णय बोर्ड द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है और फिलहाल इसे केवल गणित विषय तक ही सीमित रखा गया है। छात्रों की प्रतिक्रिया और इस पहल के परिणाम के आधार पर ही भविष्य में अन्य विषयों में भी यह सुविधा लागू करने पर विचार किया जाएगा।


अभी तक केवल री-टोटलिंग की सुविधा थी
गौरतलब है कि अभी तक बोर्ड छात्रों को केवल री-टोटलिंग की सुविधा प्रदान करता था। री-टोटलिंग की प्रक्रिया में केवल उत्तर पुस्तिका में परीक्षक द्वारा दिए गए अंकों का कुल योग दोबारा किया जाता है। यदि गणना में कोई त्रुटि पाई जाती है तो उसे सुधारकर संशोधित अंक प्रदान किए जाते हैं और उसकी नई मार्कशीट जारी की जाती है। इस प्रक्रिया में केवल जोड़ने में गलती को सुधारा जाता है, उत्तर के मूल्यांकन को नहीं। इसके विपरीत री-चेकिंग की प्रक्रिया ज्यादा व्यापक होती है। इसमें छात्र द्वारा परीक्षा परिणाम पर आपत्ति दर्ज करने और आवेदन करने के बाद उसकी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि सभी प्रश्नों का मूल्यांकन सही तरीके से हुआ है या नहीं और यदि किसी उत्तर को कम या अधिक अंक दिए गए हैं तो उसे सुधारा जाएगा। इसके बाद छात्र को संशोधित मार्कशीट जारी की जाएगी।


शिक्षा मंत्री के निर्देश पर शुरू की यह सुविधा
बोर्ड के सचिव कैलाशचन्द्र शर्मा ने बताया कि यह सुविधा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर शुरू की गई है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और इसकी सफलता व छात्रों की प्रतिक्रिया के आधार पर ही यह निर्णय लिया जाएगा कि इसे आगामी वर्षों में भी जारी रखा जाए या नहीं। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या अन्य विषयों में भी री-चेकिंग की सुविधा लागू की जा सकती है। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ गणित विषय के लिए ही उपलब्ध होगी क्योंकि आमतौर पर इसी विषय में अंकों के सुधार की सबसे अधिक संभावना होती है। गणित में स्पष्ट उत्तर होते हैं और मूल्यांकन में त्रुटियां होने की गुंजाइश अधिक रहती है, इसलिए बोर्ड ने इस विषय को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है।


परीक्षाएं 6 मार्च से 9 अप्रैल के बीच आयोजित की गई
बोर्ड परीक्षाओं में इस बार कुल 19 लाख 98 हजार 509 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिनमें से 10वीं की परीक्षा में 10 लाख 16 हजार 963 छात्र सम्मिलित थे। इनमें से कितने छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए और कितने अनुपस्थित रहे, इसकी जानकारी परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बोर्ड द्वारा सार्वजनिक की जाएगी। गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षाएं 6 मार्च से 9 अप्रैल 2025 के बीच आयोजित की गई थीं। अब सभी की नजरें परीक्षा परिणाम पर टिकी हैं, जो जारी होने के बाद ही री-चेकिंग प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट और निर्देशों पर नजर रखें, क्योंकि अभी तक री-चेकिंग प्रक्रिया को लेकर कोई आधिकारिक सूचना या आवेदन तिथि जारी नहीं हुई है।


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