Sawai Madhopur: अगले पांच दिन तक बंद रहेगा त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग, मासूम की मौत के बाद वन विभाग का फैसला

णथंभौर टाइगर रिजर्व में बुधवार को त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर हुए बाघ के हमले में सात वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत के बाद वन विभाग ने श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर मार्ग को आगामी पांच दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर की ओर जाने वाला यह मार्ग आम दिनों में हजारों श्रद्धालुओं से भरा रहता है लेकिन हादसे के बाद वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। वन विभाग के अनुसार बच्चे पर हमला मादा टाइगर टी-84 की बेटी, युवा शावक कनकटी ने किया था। घटना के बाद भी उस क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट लगातार बना हुआ है। जानकारी के अनुसार बुधवार को अमराई वन क्षेत्र के पास मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक परिवार पर टाइगर ने हमला कर दिया, जिसमें 7 वर्षीय कार्तिक की मौके पर ही मौत हो गई। वह अपनी दादी और चाचा के साथ मंदिर से लौट रहा था। घटना से पूरे सवाई माधोपुर में शोक की लहर दौड़ गई।

सवाई माधोपुर। त्रिनेत्र गणेश मंदिर से अपनी दादी और चाचा के साथ दर्शन करके लौट रहे सात साल के बच्चे की अचानक बाघ के हमले से हुई मौत के बाद वन विभाग ने पांच दिन के लिए पूरे मार्ग पर आवाजाही के लिए रोक लगा दी है।


यह भी देखें


बाघ के हमले में सात वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बुधवार को त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर हुए बाघ के हमले में सात वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत के बाद वन विभाग ने श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर मार्ग को आगामी पांच दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर की ओर जाने वाला यह मार्ग आम दिनों में हजारों श्रद्धालुओं से भरा रहता है लेकिन हादसे के बाद वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। वन विभाग के अनुसार बच्चे पर हमला मादा टाइगर टी-84 की बेटी, युवा शावक कनकटी ने किया था। घटना के बाद भी उस क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट लगातार बना हुआ है। जानकारी के अनुसार बुधवार को अमराई वन क्षेत्र के पास मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक परिवार पर टाइगर ने हमला कर दिया, जिसमें 7 वर्षीय कार्तिक की मौके पर ही मौत हो गई। वह अपनी दादी और चाचा के साथ मंदिर से लौट रहा था। घटना से पूरे सवाई माधोपुर में शोक की लहर दौड़ गई।


श्रद्धालुओं के लिए गंभीर खतरा
वन्यजीव विशेषज्ञों ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब पहले से टाइगर मूवमेंट की जानकारी थी, तब श्रद्धालुओं को उस मार्ग से जाने की अनुमति क्यों दी गई? क्यों संभावित इलाकों में वनकर्मी तैनात नहीं थे? गौरतलब है कि इस क्षेत्र में वर्तमान में तीन मादा बाघिन, उनके नौ शावक और दो नर बाघ सहित कुल लगभग 14 टाइगर सक्रिय हैं। इनमें से कई शावक अब शिकार करने में माहिर होते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या श्रद्धालुओं के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।


कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने की सख्त कार्रवाई की मांग
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी वन विभाग की लापरवाही स्वीकारते हुए कहा कि विभाग टाइगर मूवमेंट को लेकर गंभीर नहीं रहा। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि बीते 38 वर्षों में रणथंभौर में टाइगर के हमले से लगभग 20 लोगों की जान जा चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग टाइगर टेरिटरी के बीच से होकर गुजरता है, इसलिए सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। पैदल आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, निजी वाहनों की एंट्री रोकी जाए और सरकार को शटल सेवा शुरू करनी चाहिए, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित रह सकें। बाघ के इस हमले के बाद आरटीआर ने बड़ा कदम उठाते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है।


ये भी पढ़ें

  1. : जयपुर आएंगे अमरीकी उपराष्ट्रपति वेंस, आगरा भी घूमने जाएंगे; पीएम मोदी भी आ सकते हैं जयपुर
  2. दोस्ती के लिए मना किया तो युवक ने चलाई गोली, बाल-बाल बची युवती, दूर का रिश्तेदार है आरोपी

Related Articles

Back to top button