Akshaya Navami : अक्षय नवमी 10 को, इस दिन क्यों खाते हैं आंवला ? जानें पौराणिक मान्यता
आंवले के वृक्ष को विष्णु व शिव का प्रतीक चिह्न मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। अक्षय नवमी के दिन अगर आंवले की पूजा करना और आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और खाना संभव नहीं हो तो इस दिन आंवला जरूर खाना चाहिए। चरक संहिता के अनुसार, अक्षय नवमी को आंवला खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।
जयपुर। अक्षय नवमी 10 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ (Lord Vishnu resides in Amla tree) में निवास करते हैं। इस दिन स्नान पूजन तर्पण तथा अन्न आदि के दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आंवले के वृक्ष को विष्णु व शिव का प्रतीक चिह्न मानकर मां लक्ष्मी ( symbol of Vishnu and Shiva, Mother Lakshmi) ने आंवले की वृक्ष की पूजा की थी।
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आंवले के पेड़ में विराजते हैं भगवान विष्णु
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में निवास करते हैं। आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु के निवास मान विधि-विधान से पूजा करते हैं व दान-पुण्य कर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अन्य दिनों की तुलना में नवमी पर किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक लाभ दिलाता है। कार्तिक शुक्ल नवमी अक्षय नवमी (Akshaya Navami) भी कहलाती है। इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्न आदि के दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय और बेल शिव को
आंवले के वृक्ष को विष्णु व शिव का प्रतीक चिह्न मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। अक्षय नवमी के दिन अगर आंवले की पूजा करना और आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और खाना संभव नहीं हो तो इस दिन आंवला जरूर खाना चाहिए। चरक संहिता के अनुसार(according to Charaka Samhita), अक्षय नवमी को आंवला खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।
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