Alwar News: अलवर शहर में दिखे पैंथर को वन विभाग ने ट्रैंकुलाइज किया, आबादी में आने से फैली थी दहशत

वन विभाग अभी तक राजऋषि कॉलेज परिसर में मौजूद पैंथर को पकड़ने में सफल नहीं हो पाया है। इसी बीच, सुगना बाई धर्मशाला के पास एक और पैंथर की मौजूदगी ने अधिकारियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीम पूरी कोशिश कर रही है कि पैंथर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जाए और उसे वापस जंगल में छोड़ा जाए। वहीं, स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

अलवर। अलवर शहर के बीचों-बीच स्थित सुगना बाई धर्मशाला के पास मंगलवार सुबह पैंथर दिखने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। जैसे ही पैंथर होने की जानकारी फैली, बस्ती के लोग डर के मारे इधर-उधर दौड़ने लगे। वहीं, केडलगंज बाजार के दुकानदार सतर्क हो गए। पैंथर की सूचना पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची (Forest Department team immediately reached the spot) और उसे उसे ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी शुरू की। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखने की सलाह दी है। करीब तीन घंटे बाद वन विभाग की टीम ने पैंथर को ट्रैंकुलाइज किया।


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इससे पहले भी इस क्षेत्र में पैंथर देखा गया

इधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पैंथर राजऋषि कॉलेज के परिसर में घूम रहे पैंथर हो सकता है। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकती है। सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि सुगना बाई धर्मशाला के पास पैंथर दिखना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में पैंथर देखा गया था।


कैमरा ट्रैप और तलाशी अभियान जारी
वन विभाग की टीम ने बगीची के आसपास पैंथर की तलाश शुरू कर दी है और कैमरा ट्रैप लगाने की योजना बनाई है। अधिकारी बताते हैं कि सरिस्का के बफर जोन से पैंथर आबादी की ओर (Sariska’s buffer zone towards panther population) आ रहे हैं। बफर जोन में बाघों के बढ़ते दबदबे के कारण पैंथर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं।


राजऋषि कॉलेज में पैंथर अभी भी पकड़ से बाहर
वन विभाग अभी तक राजऋषि कॉलेज परिसर में मौजूद पैंथर को पकड़ने में सफल नहीं हो पाया है। इसी बीच, सुगना बाई धर्मशाला के पास एक और पैंथर की मौजूदगी ने अधिकारियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीम पूरी कोशिश कर रही है कि पैंथर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जाए और उसे वापस जंगल में छोड़ा जाए। वहीं, स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।


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