जिंदगी की जंग हार गया आर्यन, 56 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन; देसी जुगाड़ से निकाला बाहर
एनडीआरएफ की टीम (NDRF team) ने बुधवार रात करीब 10 बजे एक बार फिर अम्ब्रेला उपकरण, रिंग उपकरण और रस्सी से बंधी हुई तीनों रॉड को बोरवेल में डाला और तीनों को एक साथ खींचते हुए मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाल लिया। इससे पहले बुधवार को दिनभर बोरवेल से करीब 6 फीट की दूरी पर ही 155 फीट का नया सुरंगनुमा गड्डा खोदा जा रहा था। गौरतलब है कि आर्यन सोमवार दोपहर 3 बजे खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिर गया था। इसके बाद आर्यन को निकालने के लिए लगातार तीन दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा था, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका।
दौसा। जिले के पापड़दा थाना क्षेत्र के कालीखाड़ गांव में 3 दिन से बोरवेल में फंसे 5 साल के मासूम आर्यन को बुधवार देर रात करीब पौने बारह बजे बाहर निकाल लिया गया है। मौके से तुरन्त बच्चे को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त एंबुलेस (Ambulance with advanced life support system) से दौसा जिला हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां ईसीजी के बाद चिकित्सकों में बालक को मृत घोषित कर दिया। बच्चे को बाहर निकालने के लिए करीब 56 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। बालक के मौत की खबर सुनकर माहौल गमगीन हो गया।
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लगातार तीन दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार एनडीआरएफ की टीम (NDRF team) ने बुधवार रात करीब 10 बजे एक बार फिर अम्ब्रेला उपकरण, रिंग उपकरण और रस्सी से बंधी हुई तीनों रॉड को बोरवेल में डाला और तीनों को एक साथ खींचते हुए मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाल लिया। इससे पहले बुधवार को दिनभर बोरवेल से करीब 6 फीट की दूरी पर ही 155 फीट का नया सुरंगनुमा गड्डा खोदा जा रहा था। गौरतलब है कि आर्यन सोमवार दोपहर 3 बजे खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिर गया था। इसके बाद आर्यन को निकालने के लिए लगातार तीन दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा था, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका।
दो बार नहीं मिली सफलता तो अपनाया नया तरीका
बता दें कि सोमवार दोपहर करीब 3 बजे बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय आर्यन मीना को निकालने के लिए दो तरह से ऑपरेशन कामयाब नहीं होने के बाद बुधवार को तीसरे तरीके से प्रयास किया गया। पाइलिंग मशीन से तड़के करीब तीन बजे सुरंगनुमा करीब चार फीट का गोलाकार गड्ढा खोदना शुरू किया गया। करीब 110 फीट की खुदाई के बाद मशीन में सुबह साढ़े दस बजे तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद दिनभर खुदाई का काम बंद रहा। शाम को शाहपुरा से दूसरी पाइलिंग मशीन मौके पर पहुंची और रात सात बजे फिर से खुदाई चालू की गई। इससे पूर्व जेसीबी व एल एंड टीम मशीन से बोरवेल के समीप खोदे जा रहे गड्ढे का कार्य बंद कर दिया गया।
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