Birthday Special: जब प्रधानमंत्री ने ही रुकवा दिया था बेटे का प्रमोशन, शास्त्री जी के फैसले जो मिसाल बन गए

लाल बहादुर शास्त्री जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपने ही बेटे का प्रमोशन रुकवा दिया था। दरअसल, उन्हें जानकारी मिली की उनके बेटे का नौकरी में अनुचित तरीके से प्रमोशन दिया गया है। इससे वह नाराज हो गए और तुरंत पदोन्नति वापस लेने के लिए आदेश जारी कर दिया। बताया जाता है कि वह बेटे का प्रमोशन करने वाले अधिकारी से काफी नाराज हुए थे। शास्त्री जी का यह फैसला और भी नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

महेन्द्र मंगल/जयपुर। आज देश के दो बड़े महापुरुषों का जन्मदिन (Birthday of two great men) है। गांधी जी के अलावा आज के ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Former Prime Minister Lal Bahadur Shastri) जी का भी जन्म हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को यूपी के मुगलसराय (Mughalsarai of UP) में हुआ था। शास्त्री जी कद में छोटे थे लेकिन अपने बड़े फैसलों और उच्च विचारों के लिए याद किए जाते हैं। उन्होंने जीवन भर आम आदमी के हितों की वकालत की। शास्त्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम (freedom struggle) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के बाद भारत के तीसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।


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जय जवान, जय किसान का दिया नारा

शास्त्री को 1965 के भारत-पाक युद्ध (India-Pakistan war) के दौरान उनके नेतृत्व और उनके प्रतिष्ठित नारे जय जवान, जय किसान (सैनिक की जय, किसान की जय) (Jai Jawan, Jai Kisan (Glory to the soldier, glory to the farmer) के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। वह भष्ट्राचार के खिलाफ लिए जाने वाले फैसलों और अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति जगजाहिर है।


अपने बेटे का प्रमोशन रोका
लाल बहादुर शास्त्री जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपने ही बेटे का प्रमोशन (son’s promotion) रुकवा दिया था। दरअसल, उन्हें जानकारी मिली की उनके बेटे का नौकरी में अनुचित तरीके से प्रमोशन दिया गया है। इससे वह नाराज हो गए और तुरंत पदोन्नति वापस (promotion back) लेने के लिए आदेश जारी कर दिया। बताया जाता है कि वह बेटे का प्रमोशन करने वाले अधिकारी से काफी नाराज हुए थे। शास्त्री जी का यह फैसला और भी नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

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ट्रैफिक में फंसे लेकिन आम लोगों को परेशानी नहीं होने दी
एक बार की बात है जब वह देश के गृह मंत्री (Home Minister of the country) थे तो एक सरकारी काम से कलकत्ता (अब कोलकाता) गए तो वापस आने के लिए देर गए हो गई। फ्लाइट छूटने का डर था। वह रोड के रास्ते एयरपोर्ट जा रहे थे तो ट्रैफिक जाम में फंस गए। पुलिस कमिश्नर चाह रहे थे कि सायरन वाला एस्कॉट काफिले के आगे कर दिया जाए ताकि जाम से वे निकल जाए। लेकिन शास्त्री ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि ऐसा करने से आम लोगों को परेशानी होगी।


एक टाइम भोजन करने की अपील की
साल 1965 में जब पाकिस्तान से जंग (war with pakistan) छिड़ गई तो देश में खाद्य संकट पैदा हो गया। इस दौरान उन्होंने पत्नी से कहा कि वह सिर्फ एक टाइम भोजन बनाएं। उन्होंने परिवार के सदस्यों से सिर्फ एक टाइम खाना खाने को कहा और बच्चों को दूध और फल देने को कहा।


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