Cyber fraud: दक्षिण राजस्थान बना साइबर ठगी का नया ठिकाना, लड़कियों की एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर 100 करोड़ ठगे

करीब 1,000 युवा इस नेटवर्क में शामिल हैं, जो मेवाड़-वागड़ के गांवों से संचालित हो रहा है। डूंगरपुर के कुछ गांवों में बेरोजगार युवाओं को ठगी की ट्रेनिंग दी जा रही है। मेवाड़-वागड़ में फैला यह नेटवर्क लाखों की कमाई कर रहा है। पुलिस सख्ती और जागरूकता अभियानों के बाद भी इस जाल को नहीं तोड़ पा रही है। चित्तौड़गढ़ के आकोला, राजसमंद और उदयपुर में पढ़ने वाले दर्जनों स्टूडेंट्स के बैंक खाते किराए पर लिए जा रहे हैं। ऑटो चालक, चायवाले और बुजुर्गों के नाम पर खाते खुलवाकर ठग पैसे ट्रांसफर करते हैं। सूत्रों का कहना है कि आसपुर के एक गांव में गुप्त ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं। कुछ ठग पुलिस की नजर से बचने के लिए उदयपुर और अहमदाबाद शिफ्ट हो गए हैं। स्टूडेंट्स के खातों में हो रहे लाखों रुपए के लेन-देन पर बैंक जान-बूझकर भी खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर निर्देश जारी करने या आग्रह पर उन खातों को सीज कर दिया जाता है।

जयपुर। दक्षिण राजस्थान साइबर ठगों का नया गढ़ बन गया है। उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और डूंगरपुर में ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठग लोगों को झांसा देकर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग चुके हैं।


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किराए पर खाते, स्टूडेंट्स का दुरुपयोग

करीब 1,000 युवा इस नेटवर्क में शामिल हैं, जो मेवाड़-वागड़ के गांवों से संचालित हो रहा है। डूंगरपुर के कुछ गांवों में बेरोजगार युवाओं को ठगी की ट्रेनिंग दी जा रही है। मेवाड़-वागड़ में फैला यह नेटवर्क लाखों की कमाई कर रहा है। पुलिस सख्ती और जागरूकता अभियानों के बाद भी इस जाल को नहीं तोड़ पा रही है। चित्तौड़गढ़ के आकोला, राजसमंद और उदयपुर में पढ़ने वाले दर्जनों स्टूडेंट्स के बैंक खाते किराए पर लिए जा रहे हैं। ऑटो चालक, चायवाले और बुजुर्गों के नाम पर खाते खुलवाकर ठग पैसे ट्रांसफर करते हैं। सूत्रों का कहना है कि आसपुर के एक गांव में गुप्त ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं। कुछ ठग पुलिस की नजर से बचने के लिए उदयपुर और अहमदाबाद शिफ्ट हो गए हैं। स्टूडेंट्स के खातों में हो रहे लाखों रुपए के लेन-देन पर बैंक जान-बूझकर भी खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर निर्देश जारी करने या आग्रह पर उन खातों को सीज कर दिया जाता है।


एस्कॉर्ट सर्विस का जाल
ठग लोकेन्टो जैसे प्लेटफॉर्म पर कॉलगर्ल एस्कॉर्ट सर्विस के फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। आकर्षक तस्वीरों के साथ उदयपुर, जयपुर, अहमदाबाद जैसे शहरों में सर्विस का लालच देकर ग्राहकों को फंसाया जाता है। वाट्सऐप पर फोटो भेजकर 5,000 से 20,000 रुपए एडवांस लिए जाते हैं, फिर फोन नंबर बंद कर दिए जाते हैं। इस नेटवर्क में डूंगरपुर-बांसवाड़ा के गांवों से संचालित मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हो रहा है।


ठगी के तौर तरीके
-फर्जी निवेश योजनाओं में 24 फीसदी मुनाफे का लालच। -एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगी। -लिंक भेजकर वाट्सऐप हैकिंग और खातों से पैसे निकासी।


पुलिस का एक्शन
18 अप्रेल 2025 को बांसवाड़ा साइबर पुलिस ने दो ठगों को पकड़ा, जिनके पास 13 सिम, 5 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल और 11,000 रुपए मिले। उनके खिलाफ 10 लाख की ठगी के 10 मामले दर्ज हैं।


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