Chief Secretary Sudhansh Pant: मुख्य सचिव सुधांश पंत का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा, प्रशासनिक सिस्टम को सुधारने के लिए लगातार रहे अलर्ट मोड पर
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधांशु पंत राजस्थान कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। राजस्थान कैडर मिलने के बाद सुधांशु पंत ने प्रदेश में लंबे समय तक काम किया है। उन्होंने 1993 में जयपुर एसडीएम के पद पर काम की शुरुआत की थी। इसके बाद पंत जैसलमेर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा और जयपुर में कलेक्टर रहे। इसके अलावा जेडीए के कमिश्नर, कृषि विभाग के कमिश्नर और वन पर्यावरण विभाग में प्रिंसिपल सचिव भी रह चुके हैं। यही नहीं उन्होंने राजस्थान के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है।
जयपुर। राजस्थान सरकार में प्रशासनिक मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत का सफलतम एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। सीएस सुधांशु पंत द्वारा शुरू की गई दफ्तरों में औचक निरीक्षण की परिपाटी ने छाप छोड़ी है और कलेक्टर्स का औसत फाइल निस्तारण समय घटाने, ई-फाइलिंग व्यवस्था शुरु करने, कर्मचारियों में सुबह 9:15 बजे ऑफिस पहुंचने का कल्चर डवलप करने, ऑफिस समय में बाहर घूमने वालों पर कार्रवाई जैसे सख्त कदम उठाए।
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लगातार अलर्ट मोड में नजर आए
सुधांशु पंत जब से राजस्थान के मुख्य सचिव बने थे। तब से वह राज्य के प्रशासनिक सिस्टम को सुधारने के लिए लगातार अलर्ट मोड में नजर आए हैं। जिला कलेक्टरों को मंडे मीटिंग करने के निर्देश के पीछे उनकी मंशा राज्य के सभी जिलों से कामकाज, योजना की पूरी जानकारी सरकार को मिल सके। इसमें उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर मंडे की मीटिंग करने की आदत डाल लें। इससे पहले भी सुधांशु पंत राजस्थान में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। फिर उन्हें डेप्यूटेशन पर दिल्ली बुला लिया गया था। पूर्व मुख्य सचिव उषा शर्मा के रिटायरमेंट के बाद वरिष्ठ आईएएस सुधांशु पंत को नया मुख्य सचिव बनाया गया।
जयपुर एसडीएम के पद पर काम की शुरुआत की थी
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधांशु पंत राजस्थान कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। राजस्थान कैडर मिलने के बाद सुधांशु पंत ने प्रदेश में लंबे समय तक काम किया है। उन्होंने 1993 में जयपुर एसडीएम के पद पर काम की शुरुआत की थी। इसके बाद पंत जैसलमेर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा और जयपुर में कलेक्टर रहे। इसके अलावा जेडीए के कमिश्नर, कृषि विभाग के कमिश्नर और वन पर्यावरण विभाग में प्रिंसिपल सचिव भी रह चुके हैं। यही नहीं उन्होंने राजस्थान के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा अफसर माना जाता है पंत को
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधांशु पंत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा अफसर माना जाता है। इसी लिहाज से उन्हें डेप्यूटेशन पर दिल्ली बुलाया गया, मई 2014 में मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। सितंबर 2014 में सुधांश पंत केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए और चार साल तक फार्मास्यूटिकल्स विभाग में संयुक्त सचिव रहे। बाद में उन्होंने करीब सालभर तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सेवाएं दी। अप्रैल 2022 में वे राजस्थान लौटे लेकिन पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के मंत्रियों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठी। दिसंबर 2022 में पंत ने फिर से केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया तो तुरंत अनुमति मिल गई। कोरोना की आहट फिर से सुनाई दी तो जून 2023 में पीएम मोदी ने उन्हें चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव बनाया। पंत पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद और काबिल अफसरों में से एक हैं। दिसंबर 2023 में पूरे देश के चिकित्सा मंत्रियों-सचिवों और आम जनता के लिए कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में जो चेतावनी पत्र जारी हुआ, वह पत्र सुधांश पंत ने ही तैयार किया था।
अभी उनका कार्यकाल 2027 तक है
आईएएस अधिकारी के रूप में अभी उनका कार्यकाल 2027 तक है यानी वह राजस्थान में अभी लंबे समय तक मुख्य सचिव के पद पर रह सकते हैं। उनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों के कारण आज प्रदेश का प्रशासनिक तंत्र मजबूत है। आमजन की समस्याओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
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