Sai Baba Idol Controversy : मंदिरों से हटाई जा रही हैं साईं बाबा की मूर्तियां, जानिए क्या है विवाद?
हवामहल विधायक बाल मुकुंदाचार्य का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम शास्त्रों को मानने वाले लोग हैं। शास्त्रों में साई बाबा का कही कोई उल्लेख नहीं है की वो किसके अवतार है। वो किसी के लिए आइडियल हो सकते हैं। मैं किसी के सम्मान में कमी नहीं करना चाहता और ना ही किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना चाहता हुं। लेकिन सनातनियो से निवेदन करना चाहता हुं कि साई बाबा के बारे में जो लिखित लेख है, उसमे बताया गया है कि वो मुस्लिम समाज से थे। वो सभी कुछ भक्षण करते थे मांस इत्यादि भी। लेकिन हमें हमारे देवी देवताओं से शक्ति प्राप्त हो रही है इसलिए साई की आवश्यकता नहीं है । इसलिए मंदिर बनाने की आवश्यकता नहीं है और जिन्होंने बना लिया है तो उन्हें विसर्जन कर दे। हमने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है ।

धर्मेन्द्र सिंहल/जयपुर। साईंबाबा (Sai Baba) की मूर्ति को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शिरडी के साईंबाबा (Shirdi Saibaba) की मूर्तियां हटाई जा रही हैं। यह पहली बार नहीं है जब साईंबाबा की मूर्ति को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। कुछ धर्मगुरु भी साईंबाबा की पूजा का विरोध कर चुके है। इधर जयपुर में भी साईंबाबा की पूजा का विरोध किया जा रहा है।
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विधायक बाल मुकुंदाचार्य बोले साई मुस्लिम थे
हवामहल विधायक बाल मुकुंदाचार्य (Hawamahal MLA Bal Mukundacharya) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम शास्त्रों को मानने वाले लोग हैं। शास्त्रों में साई बाबा का कही कोई उल्लेख नहीं है की वो किसके अवतार है। वो किसी के लिए आइडियल हो सकते हैं। मैं किसी के सम्मान में कमी नहीं करना चाहता और ना ही किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना चाहता हुं। लेकिन सनातनियो से निवेदन करना चाहता हुं कि साई बाबा के बारे में जो लिखित लेख है, उसमे बताया गया है कि वो मुस्लिम समाज से थे। वो सभी कुछ भक्षण करते थे मांस इत्यादि भी। लेकिन हमें हमारे देवी देवताओं से शक्ति प्राप्त हो रही है इसलिए साई की आवश्यकता नहीं है । इसलिए मंदिर बनाने की आवश्यकता नहीं है और जिन्होंने बना लिया है तो उन्हें विसर्जन कर दे। हमने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है ।
14 मंदिरों से साईंबाबा की मूर्तियां हटाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 14 मंदिरों से साईंबाबा की मूर्तियां हटाई जा चुकी हैं। वाराणसी के प्रसिद्ध श्री बड़ा गणेश मंदिर (Shri Bada Ganesh Mandir Varanasi) से भी साईं की प्रतिमा हटा दी गई है। ख़बरों की मानें तो वाराणसी में हिंदू संगठनों के निशाने पर 28 और मंदिर हैं।
क्यों हटाई जा रही हैं साईबाबा की मूर्तियां?
हिंदू संगठनों (hindu organizations) का आरोप है कि साईंबाबा मुस्लिम समुदाय (Muslim community) से हैं। साईं बाबा का सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है. हिंदू संगठनों का कहना है कि हम साईंबाबा की पूजा के खिलाफ नहीं है, लेकिन मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित नहीं होने देंगे। इसलिए मंदिर प्रबंधन की अनुमति से ही मूर्ति हटाई जा रही है। यह अभियान सनातन रक्षा दल (Sanatan Raksha Dal) के अजय शर्मा के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
उनका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं
साईंबाबा की प्रतिमा (statue of saibaba) लगाने का विरोधी करने वाले उनका असली नाम चांद मिया होने का दावा कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह पहले मुस्लिम थे। किसी भी मंदिर में मृत इंसान की मूर्ति की पूजा नहीं की जा सकती। मंदिरों में केवल पांच देवताओं सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति (Surya, Vishnu, Shiva, Shakti and Ganapati) की मूर्तियां स्थापित की जा सकती हैं। संगठन की तरफ से कहा जा रहा है कि चूंकि साईबाबा मुस्लिम(Saibaba Muslim) थे, इसलिए उनका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
धर्मगुरुओं ने भी साईंबाबा की पूजा का विरोध किया
गौरतलब हो कि यह पहली बार नहीं है जब साईंबाबा की मूर्ति को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। साईंबाबा की मूर्ति को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। यहां तक की कुछ धर्मगुरुओं (religious leaders) ने भी साईंबाबा की पूजा का विरोध किया है।
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Mahendra Mangal