COVID Cases: राजस्थान में कोरोना के 32 केस, स्वास्थ्य मंत्री बोले- ज्यादा खतरनाक नहीं है ये वैरिएंट
प्रदेश में बीते तीन दिनों में कोरोना के 32 मरीज मिल चुके हैं। मंगलवार को जयपुर, जोधपुर में 9 मरीज मिले। इनमें 2 केस एम्स जोधपुर में, 2 सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में तथा 4 केस बी. लाल पैथ लैब जयपुर एवं 1 केस अनाविक डायग्नोस्टिक सेंटर जयपुर में आया है। इसके साथ ही अब तक 8 जिलों में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अजमेर में 2, बीकानेर में एक, डीडवाना में 3, जयपुर में 13, जोधपुर में 6, फलौदी में 1, सवाई माधोपुर में एक, उदयपुर में 4 एवं एक अन्य केस सामने आया है।

जयपुर। राजस्थान में कोरोना के अब तक 32 मामले सामने आ चुके हैं। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन राहत की बात यह है कि नया वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं है।
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तीन दिनों में कोरोना के 32 मरीज
प्रदेश में बीते तीन दिनों में कोरोना के 32 मरीज मिल चुके हैं। मंगलवार को जयपुर, जोधपुर में 9 मरीज मिले। इनमें 2 केस एम्स जोधपुर में, 2 सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में तथा 4 केस बी. लाल पैथ लैब जयपुर एवं 1 केस अनाविक डायग्नोस्टिक सेंटर जयपुर में आया है। इसके साथ ही अब तक 8 जिलों में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अजमेर में 2, बीकानेर में एक, डीडवाना में 3, जयपुर में 13, जोधपुर में 6, फलौदी में 1, सवाई माधोपुर में एक, उदयपुर में 4 एवं एक अन्य केस सामने आया है।
ऑक्सीजन प्लांट्स की मॉनिटरिंग करने के निर्देश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने ऑक्सीजन प्लांट्स नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के साथ ही बंद ऑक्सीजन प्लांट्स को शीघ्र ठीक करवाएं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से कोरोना के संबंध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की पालना की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री बोले वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इसे लेकर कहा है कि संवेदनशील वर्ग जैसे बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगी एवं बच्चे कोरोना के केसेज को देखते हुए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।आईएलआई के लक्षण नजर आने पर चिकित्सक से परामर्श लें एवं भीड़भाड़ से बचें।उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने वर्तमान स्थितियों के दृष्टिगत कोरोना से ज्यादा खतरा नहीं बताया है लेकिन चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार के लिए आवश्यक इंतजाम रखे जाएं ताकि आईएलआई लक्षणों के मरीजों को जरूरी जांच एवं उपचार मिल सके।
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