Cow Safari: राजधानी में लेपर्ड सफारी के बाद जल्द होगी काऊ सफारी की शुरुआत, जानें पूरी जानकारी

वर्ष 2022 में हिंगोनिया गौशाला में जिस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया था, अब जल्द उसे मूर्त रूप मिलेगा। भारतीय गौवंश की विभिन्न नस्लों को लोग जान सके, इस उद्देश्य से हिंगोनिया गौशाला में काऊ सफारी तैयार की जा रही है। जहां थारपारकर, कांकरेज, सांचोरी, मेवाती, गिर, नागोरी, राठी जैसी राजस्थानी नस्लों की गायों को संरक्षण भी दिया जाएगा। यहां पर्यटकों को एक ही स्थान पर राजस्थान के विभिन्न देसी नस्लों की गाय देखने को मिलेगी। इसके साथ ही गाय के दूध से तैयार दही और देसी घी में बने व्यंजनों का स्वाद भी चखने को मिलेगा।

धर्मेंद्र सिंघल/जयपुर। राजधानी में लेपर्ड सफारी के बाद जल्द काऊ सफारी की शुरुआत भी की जा रही है। जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में राजस्थान क्षेत्र में पाए जाने वाली देसी नस्लों की गायों को संरक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही देशभर में पाई जाने वाली सभी नस्लों की गायों की जानकारी देते हुए बैलगाड़ी के जरिए गौ परिक्रमा की व्यवस्था भी की जाएगी।


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गौवंश की विभिन्न नस्लों की जानकारी

वर्ष 2022 में हिंगोनिया गौशाला में जिस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया था, अब जल्द उसे मूर्त रूप मिलेगा। भारतीय गौवंश की विभिन्न नस्लों को लोग जान सके, इस उद्देश्य से हिंगोनिया गौशाला में काऊ सफारी तैयार की जा रही है। जहां थारपारकर, कांकरेज, सांचोरी, मेवाती, गिर, नागोरी, राठी जैसी राजस्थानी नस्लों की गायों को संरक्षण भी दिया जाएगा। यहां पर्यटकों को एक ही स्थान पर राजस्थान के विभिन्न देसी नस्लों की गाय देखने को मिलेगी। इसके साथ ही गाय के दूध से तैयार दही और देसी घी में बने व्यंजनों का स्वाद भी चखने को मिलेगा।


गौ परिक्रमा की व्यवस्था भी
ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने बताया कि राजस्थान में पाए जाने वाली सभी नस्लों की गायों को संरक्षण देने के लिए यहां हिंगोनिया गौशाला में काऊ सफारी तैयार की जा रही है। जहां पहुंचकर लोग न सिर्फ गाय माता की सेवा कर पाएंगे, बल्कि प्रदेश और देश भर में पाए जाने वाली विभिन्न नस्लों की गायों के बारे में भी जान पाएंगे। इसके साथ ही यहां एक परिक्रमा पथ भी बनाया जा रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि गौशाला में हजारों की संख्या में गाय हैं और तेज गर्मी में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, उसके लिए यहां निरीक्षण भी किया है। साथ ही यहां पर्याप्त शेड, पीने के पानी और हरे चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।


काऊ सफारी टूरिज्म का एक नया चेहरा
बहरहाल, हिंगोनिया गौशाला में बन रही काऊ सफारी में परिवार के सभी सदस्यों के लिए विभिन्न खेलों की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा जल क्रीड़ा करने की व्यवस्था के तहत पुल विकसित करने की भी प्लानिंग है। ऐसे में यदि ये प्रोजेक्ट सफल रहता है तो राजस्थान में काऊ सफारी टूरिज्म का एक नया चेहरा साबित होगी। यहां आने वाले पर्यटक कुछ समय गायों के साथ गुजार पाएंगे और गायों की नस्लों के बारे में जानने के अलावा यहां मनोरंजन भी कर सकेंगे।


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