Cow Smuggler Bail: जूली के बयान पर मदन राठौर का पलटवार, कहा, इन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न तक बदल दिया
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यूं तो गाय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, पर जो कांग्रेस बार-बार गाय पर राजनीति करने की बात कहती है। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि इनका चुनावी चिह्न शुरुआत में दो बैलों की जोड़ी (pair of oxen) हुआ करता था। फिर गौ तस्करों से सांठगांठ होने के बाद इसे बदलकर गाय बछड़ा कर दिया गया। इससे सवाल खड़ा होता है कि गाय पर राजनीति कौन कर रहा है। गोवंश पर राजनीति किसने की है। गाय बछड़े के नाम पर वोट किसने मांगें। गाय बछड़े के नाम पर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ कर वोट लिया और जब गौस्कारों से उन्होंने हाथ मिला लिया तो इन्होंने गाय के बछड़े को छोड़कर पंजा अपना लिया।
जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर (BJP state president Madan Rathod) ने कहा कि गो वंश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए परंतु राजनीति और गो तस्करों को संरक्षण (protection to cow smugglers) का काम कांग्रेस ने किया है। इन्होंने गो तस्करों को संरक्षण देने का काम किया और अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न तक बदल दिया।
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सरकारी भाषा में निराश्रित या बेसहारा
प्रदेश सरकार के गोवंश को लेकर दिया गए आदेश पर राजनीति शुरू हो गई है। सरकार के मंत्री जोराराम कुमावत(Minister Zoraram Kumawat) ने एक आदेश जारी कर गोवंश को ‘आवारा’ कहने पर पाबंदी लगा दी। साथ ही निर्देश भी जारी किया कि अब उन्हें सरकारी दस्तावेजों में और सरकारी भाषा में निराश्रित या बेसहारा (Destitute) कहा जाएगा। इस आदेश की घोषणा के साथ थी प्रदेश में राजनीतिक टिप्पणियों को दौर (round political comments) शुरू हो गया।
भाजपा पर राजनीति करने का आरोप
टीकाराम जूली (Tikaram Julie) ने सोशल मीडिया x पर पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी पर वह कहावत चरित्राथ होती है, जिसमें कहा जाता है ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ (‘Ram in the mouth, knife in the armpit’) यह एक तरफ गए के संरक्षण की बात करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ दो तस्कर की जमानत रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकील तक नहीं भेज पाते। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने गाय को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उपचुनाव में गाय के नाम पर वोट बटोरने की बात कही।
दो बैल से गाय और बछड़ा तक की राजनीति
इसका जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यूं तो गाय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, पर जो कांग्रेस बार-बार गाय पर राजनीति करने की बात कहती है। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि इनका चुनावी चिह्न शुरुआत में दो बैलों की जोड़ी (pair of oxen) हुआ करता था। फिर गौ तस्करों से सांठगांठ होने के बाद इसे बदलकर गाय बछड़ा कर दिया गया। इससे सवाल खड़ा होता है कि गाय पर राजनीति कौन कर रहा है। गोवंश पर राजनीति किसने की है। गाय बछड़े के नाम पर वोट किसने मांगें। गाय बछड़े के नाम पर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ कर वोट लिया और जब गौस्कारों से उन्होंने हाथ मिला लिया तो इन्होंने गाय के बछड़े को छोड़कर पंजा अपना लिया।
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