अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को सुनाई सजा, गुरुद्वारे में जूठे बर्तन और वॉशरूम करने होंगे साफ

सुखबीर बादल पर डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के प्रति नम्र रुख अपनाने का आरोप है। बादल पर आरोप है कि उन्होंने गुरमीत राम रहीम के वेशभूषा विवाद में सजा दिलवाने के बजाय शिकायत ही वापस ले ली थी। अकाली दल के अध्यक्ष रहते हुए सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। काल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। आखिरकार श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया।

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) (Golden Temple located in Amritsar) में सोमवार को अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करना होगा। फिर लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन धोने होंगे। उन्हें इसके बाद कीर्तन सुनना होगा। साथ ही श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। रघबीर ने कहा कि पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल (Former CM Late Prakash Singh Badal) से ‘फक्र ए कौम’ सम्मान वापस लिया जाएगा।


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दरबार साहिब के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी है

जत्थेदार रघबीर सिंह ने सजा सुनाते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल को चोट के चलते श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी है। ये ड्यूटी वह व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे। जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर बादल समेत कोर कमेटी मेंबर (Core committee members including Sukhbir Badal) और साल 2015 कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वह नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। साथ ही उन्हें एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा।


गले में तख्ती लटकाना होगा, हाथ में रहेगा बरछा

जत्थेदार के मुताबिक, सजा के दौरान सुखबीर सिंह बादल के गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा। ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे।


3 दिन में इस्तीफे स्वीकार करने का आदेश
सजा सुनाने के बाद जत्थेदार ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जिन नेताओं ने इस्तीफे दिए, उन्हें अगले 3 दिनों में स्वीकार किया जाए। उन्होंने बागी चलने वाले नेताओं को फटकार लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के साथ चलने की नसीहत दी। जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आने वाले समय में पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा करे और नियुक्तियां करे। ये सारी प्रक्रिया चुनावी तरीके से होनी चाहिए।


सुखबीर सिंह बादल पर क्या-क्या आरोप हैं?
सुखबीर बादल पर डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम (Dera Sacha Sauda Chief Ram Rahim) के प्रति नम्र रुख अपनाने का आरोप है। बादल पर आरोप है कि उन्होंने गुरमीत राम रहीम के वेशभूषा विवाद में सजा दिलवाने के बजाय शिकायत ही वापस ले ली थी। अकाली दल के अध्यक्ष रहते हुए सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। काल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। आखिरकार श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया।


बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं करवाने का आरोप
सुखबीर सिंह बादल पर बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं करवाने का भी आरोप है। 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई थी। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए थे. इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया था। अकाली दल सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। वह दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए।


बादल ने राम रहीम को माफी देने की गलती कबूली
इस दौरान सुखबीर सिंह बादल ने राम रहीम को माफी देने की गलती कबूली। वहीं, प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा, “मुझे पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इसके साथ बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा, करनैल सिंह पंजोली और गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने भी आरोप नकार दिए।” बादल ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।


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