Cyber-Crime: राजस्थान में बैठकर अमरीकी नागरिकों से ठगी, FBI ने जयपुर व नागौर में खोज निकाले साइबर ठग

साइबर जालसाज वर्चुअल ऑफिस पर चेक प्राप्त करने के बाद अमरीकी बैंक में जमा कराते हैं। चेक जमा होने पर वायर ट्रांसफर के जरिए अमरीका से भारत में कई फर्जी कंपनी के बैंक खातों में रकम को ट्रांसफर करवा लेते हैं। इसके लिए बाकायदा साइबर ठग अमरीका में ऑनलाइन सर्वर किराए पर लेते हैं। फिर रिमोट पीसी एक्सेस कर स्थानीय आइपी एड्रेस को काम में लेते हैं। इससे बैंक को संदेह नहीं होता है कि वायर ट्रांजेक्शन किसी अन्य देश की आइपी एड्रेस पर किया जा रहा है। वायर ट्रांजेक्शन से विभिन्न बैंकों में शॉप एक्ट के तहत फर्म रजिस्टर्ड करवाकर चालू खाता खुलवाकर स्वयं और अन्य लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर करवा लेते हैं।

जयपुर। अमरीका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ) (America’s Federal Bureau of Investigation (FBI)) ने अमरीकी नागरिकों से ठगी करने वाले साइबर जालसाजों को राजस्थान में ढूंढ निकाला और उन्हें गिरफ्तार करवाया। राजस्थान में बैठकर साइबर जालसाज अमरीका में यूएस नागरिकों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं। मामला एफबीआइ तक पहुंचा तो जांच में ठगी करने वाले राजस्थान के जयपुर व नागौर के पाए गए।


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ठगी करने के कई कॉल सेंटर पकड़े

एफबीआइ ने भारत सरकार के जरिए राजस्थान इंटेलिजेंस, एसओजी व जयपुर कमिश्नरेट पुलिस (Rajasthan Intelligence, SOG and Jaipur Commissionerate Police) को पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई। इसके बाद एसओजी व जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ठगी करने वालों तक पहुंची। जयपुर में विदेशी नागरिकों से ठगी करने के कई कॉल सेंटर पकड़े गए।


इस तरह अमरीकी नागरिको को ठगते
रामनगरिया व चित्रकूट क्षेत्र में गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ऑनलाइन टू पीपल, सर्च डॉट कॉम व फास्ट पीपल सर्च वेबसाइट (Online to People, Search.com and Fast People Search website) पर रेंडमली कस्टमर सर्च करके उन्हें फोन करते थे। लीगल शिकायत की बात कह गिरफ्तारी वारंट जारी करने की धमकी देते। यहीं नहीं, टैक्सास से जारी फर्जी न्यायिक आदेश लगने वाला नोटिस भी भेज देते। फिर डराते हुए बिटकॉइन के रूप में ठगी की रकम वसूलते थे।


यों ट्रांसफर करते ठगी की रकम
साइबर जालसाज वर्चुअल ऑफिस पर चेक प्राप्त करने के बाद अमरीकी बैंक में जमा कराते हैं। चेक जमा होने पर वायर ट्रांसफर के जरिए अमरीका से भारत में कई फर्जी कंपनी के बैंक खातों में रकम को ट्रांसफर करवा लेते हैं। इसके लिए बाकायदा साइबर ठग अमरीका में ऑनलाइन सर्वर किराए (Cyber ​​Scams Online Server Rent in USA) पर लेते हैं। फिर रिमोट पीसी एक्सेस कर स्थानीय आइपी एड्रेस को काम में लेते हैं। इससे बैंक को संदेह नहीं होता है कि वायर ट्रांजेक्शन किसी अन्य देश की आइपी एड्रेस पर किया जा रहा है। वायर ट्रांजेक्शन से विभिन्न बैंकों में शॉप एक्ट के तहत फर्म रजिस्टर्ड करवाकर चालू खाता खुलवाकर स्वयं और अन्य लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर करवा लेते हैं।


500 विदेशी नागरिकों से 30 करोड़ ठगे
एफबीआइ की सूचना के बाद अमरीका के फ्लोरिडा निवासी सेवानिवृत्त एजुकेशन अधिकारी ने 10 हजार डॉलर (7.43 लाख रुपए) की ठगी करने की रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में बताया कि कुछ लोगों ने उससे संपर्क किया और खुद को ईजी डायरेक्ट सोल्यूसंस का प्रतिनिधि बताकर सस्ती दर पर लोन का झांसा दिया। ठगी करने वाला शातिर बदमाश रमजान खान को नागौर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि जयपुर में चल रहे कॉल सेंटर से 500 विदेशी नागरिकों से 30 करोड़ रुपए की ठगी की गई।


जयपुर में पकड़ा कॉल सेंटर, 40 गिरफ्तार
एफबीआइ की सूचना पर जयपुर में भांकरोटा, करणी विहार, चित्रकूट व रामनगरिया क्षेत्र में चार फर्जी कॉल सेंटर से अमरीकी नागरिकों को ठगने वाले 40 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया गया। कॉल सेंटर से अमरीकी नागरिकों को आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती और मोटी रकम वसूली जा रही थी।


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