Dausa Borewell Accident: दो दिन से जद्दोजहद जारी, मौत के मुंह में मासूम आर्यन; अब खोदी जा रही तिरछी टनल

5 वर्षीय आर्यन को बोरवेल से निकालने के सारे प्रयास अब तक फेल साबित हुए हैं। बीते 41 घंटे से भी ज्यादा समय से आर्यन बोरवेल में फंसा हुआ है और इस दौरान इसे खाना और पानी कुछ भी नहीं पहुंचाया जा सका है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के 6 देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं। वहीं, ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई को भी खास असर नहीं हुआ है। इधर, परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है। सोमवार शाम से मंगलवार देर रात तक एनडीआरएफ ने 6 देसी जुगाड़ से बच्चे को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सभी फेल रहे। पांचवें प्रयास में बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण को इन्स्टॉल किया गया था। देर रात छठे प्रयास में रिंग डालकर बच्चे के हाथ और पैर में रस्सी फंसाकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन रस्सी अपनी पकड़ नहीं बना सकी। इससे मासूम बोरवेल में ही फंसा हुआ है।

दौसा। दौसा के नांगल के कालीखांड गांव में सोमवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जहां 5 साल का मासूम आर्यन गहरे बोरवेल में गिर गया। दो दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी(Rescue operation continues for two days) है, जिसमें 150 फीट की गहराई पर फंसे 5 साल के आर्यन को बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।


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दूध की बोतल लेकर इंतजार करते रहे पिता

घटनास्थल पर बच्चे के लिए दूध की बोतल और दूध पाउडर लाया तो गया, लेकिन उसे बच्चे तक भेजा नहीं जा सका। ऐसे में गिरने के बाद से अभी तक मासूम को पानी भी नहीं पिलाया गया। मंगलवार को बच्चे के माता-पिता दूध की बोतल लेकर केवल इंतजार करते रहे, लेकिन उसे पहुंचाया नहीं जा सका।


परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ी
5 वर्षीय आर्यन को बोरवेल से निकालने के सारे प्रयास अब तक फेल साबित हुए हैं। बीते 41 घंटे से भी ज्यादा समय से आर्यन बोरवेल में फंसा हुआ है और इस दौरान इसे खाना और पानी कुछ भी नहीं पहुंचाया जा सका है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ (NDRF-SDRF) के 6 देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं। वहीं, ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई को भी खास असर नहीं हुआ है। इधर, परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है।


अब तक 6 देसी जुगाड़ फेल हुए
सोमवार शाम से मंगलवार देर रात तक एनडीआरएफ ने 6 देसी जुगाड़ से बच्चे को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सभी फेल रहे। पांचवें प्रयास में बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण को इन्स्टॉल किया गया था। देर रात छठे प्रयास में रिंग डालकर बच्चे के हाथ और पैर में रस्सी फंसाकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन रस्सी अपनी पकड़ नहीं बना सकी। इससे मासूम बोरवेल में ही फंसा हुआ है।


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