खाटूश्याम भक्तों के लिए खुशखबरी! आज से शुरू हुआ 2 दिवसीय मासिक मेला, भक्तों की उमड़ेगी भारी भीड़

खाटूश्याम भक्तों के लिए फिर से खाटू में माहौल सजने लगा है। बाबा श्याम के दरबार में आज से 2 दिवसीय मासिक मेला शुरू हो गया है। ऐसे में खाटू नगरी में भक्तों का भारी सैलाब उमड़ रहा है। देशभर से लोग पहुंच कर बाबा की चौखट पर शीश नवा रहे हैं। एकादशी पर बाबा श्याम का रंगबिरंगे फूलों से मनमोहक श्रृंगार किया है। साथ ही मंदिर कमेटी के गार्ड और पुलिस थाने का जाब्ता सुरक्षा व्यवस्था में तैनात है। बाबा श्याम के मासिक मेले का आगाज आज 11 दिसंबर को एकादशी के दिन से हो गया है। अल सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ दर्शन पाने को उमड़ गई है। दूर-दराज से भक्त हाथों में श्याम की ध्वजा लिए पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2 दिन में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे। वहीं दोनों दिन बाबा की विशेष आरती की जाएगी।

खाटूश्यामजी। बाबा श्याम के मासिक मेले का आगाज (Baba Shyam’s monthly fair begins)11 दिसंबर को एकादशी के दिन से हो गया है। अल सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ दर्शन पाने को उमड़ गई है। दूर-दराज से भक्त हाथों में श्याम की ध्वजा लिए पहुंच रहे हैं।


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बाबा श्याम का रंगबिरंगे फूलों से मनमोहक श्रृंगार

खाटूश्याम भक्तों के लिए फिर से खाटू में माहौल सजने लगा है। बाबा श्याम के दरबार में आज से 2 दिवसीय मासिक मेला शुरू हो गया है। ऐसे में खाटू नगरी में भक्तों का भारी सैलाब उमड़ रहा है। देशभर से लोग पहुंच कर बाबा की चौखट पर शीश नवा रहे हैं। एकादशी पर बाबा श्याम का रंगबिरंगे फूलों से मनमोहक श्रृंगार (Baba Shyam’s beautiful makeup with colorful flowers) किया है। साथ ही मंदिर कमेटी के गार्ड और पुलिस थाने का जाब्ता सुरक्षा व्यवस्था में तैनात है।


2 दिन में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे
बाबा श्याम के मासिक मेले का आगाज आज 11 दिसंबर को एकादशी के दिन से हो गया है। अल सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ दर्शन पाने को उमड़ गई है। दूर-दराज से भक्त हाथों में श्याम की ध्वजा लिए पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2 दिन में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे। वहीं दोनों दिन बाबा की विशेष आरती की जाएगी।


खाटूश्याम बाबा को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है
तीन बाण धारी खाटूश्याम बाबा को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है और दिन-प्रतिदिन इनकी मान्यता बढ़ती जा रही है। दरअसल महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे। तब भगवान कृष्ण ब्राह्मण के रूप में आए और उनसे शीश का दान मांग लिया। तब बर्बरीक ने बिना संकोच के भगवान शीश दान कर दिया। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने आशीर्वाद देते हुए कहा बर्बरीक को कलयुग में मेरे रूप में श्याम नाम से पूजे जाओगे।


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