करन तिवारी/जयपुर। जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग (Jaipur-Delhi Railway) पर बुधवार को बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर सुबह रेल पटरी पर अचानक दरार आ गई। हालांकि, एक पैसेंजर की सजगता से बड़ा हादसा टल गया। जैसे ही पैसेंजर की नजर टूटी हुई पटरी पर पड़ी तो उसने तुरंत रेल प्रशासन को सूचना दी। मौके पर पहुंचे रेल कर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पटरियों को ठीक किया।
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एक घंटे की मशक्कत के बाद रेल ट्रैक को दुरुस्त किया
जानकारी के मुताबिक गाड़ी संख्या 14734 जयपुर-बठिंडा पैसेंजर (Jaipur-Bathinda Passenger) सुबह करीब 7.30 बजे बांदीकुई जंक्शन पर पहुंची। तभी एक यात्री की नजर रेलवे ट्रैक पर पड़ी। रेल लाइन में 15 एमएम की दरार देखकर उसने तुंरत रेल अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया। सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद रेल कर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद रेल ट्रैक को दुरुस्त किया। यदि रेल यात्री की नजर इस पर नहीं जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
एक घंटे तक बांदीकुई जंक्शन पर खड़ी रही ट्रेन
रेलवे ट्रैक में दरार के बाद जयपुर-बठिंडा पैसेंजर ट्रेन करीब एक घंटे तक बांदीकुई जंक्शन पर खड़ी रही। ऐसे में यात्रियों को भी काफी परेशानी हुई। ऐसे में फिक्स मीटर प्लेट लगाकर पैसेंजर ट्रेन को निकाला गया। ट्रेन निकलने के बाद लाइन को दुरूस्त किया गया।
क्यों आती है रेल लाइनों में दरार?
बता दें कि राजस्थान में पिछले दो दिनों से शीतलहर के कारण सर्दी के तेवर तीखे (The intensity of winter increases due to cold wave) हो गए है। अधिक ठंड के कारण ही रेल लाइनों के बीच दरार आ जाती है। हर साल सर्दी के दिनों में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि, ऐसे घटनाओं के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए रेल पथ निर्माण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सजग रहते हैं। रेल लाइनों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने गैंग की व्यवस्था की है जो अपने क्षेत्राधीन रेल पथ के रख-रखाव व देख रेख का जिम्मा लेते हैं।
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