कोटा संभागीय आयुक्त IAS Rajendra Vijay के ठिकानों पर ACB का छापा, जानें क्यों हुई कार्रवाई?

राजस्थान के दौसा जिले के दुब्बी स्थित आवास पर ना तो आईएएस राजेंद्र विजय और ना ही उनके परिजन मिले। आईएएस राजेंद्र के आवास पर रहने वाला गार्ड तक नहीं मिला। घर में कोई सदस्य मौजूद नहीं होने के कारण एसीबी ने घर के अंदर सर्च नहीं किया। एसीबी ने राजेंद्र विजय के अन्य आवासों पर भी छापेमारी की है। एसीबी द्वारा यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। फिलहाल राजेंद्र विजय कोटा के संभागीय आयुक्त हैं। IAS राजेंद्र विजय मूल रूप से दौसा जिले के दुब्बी गांव के रहने वाले हैं।

दौसा/कोटा। कोटा संभागीय आयुक्त (Kota Divisional Commissioner) आईएएस राजेंद्र विजय के ठिकानों पर एसीबी ने बुधवार को सुबह छापेमारी की। इस दौरान एसीबी ने राजेंद्र विजय के दौसा के मकान को सील कर दिया। कोटा में हाल ही में नियुक्त हुए संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय के सरकारी आवास और कार्यालय पर एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) (ACB (Anti Corruption Bureau) की सर्च जारी है।


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दुब्बी स्थित आवास को किया सील

राजस्थान के दौसा जिले के दुब्बी (Dubbi of Dausa district) स्थित आवास पर ना तो आईएएस राजेंद्र विजय (IAS Rajendra Vijay) और ना ही उनके परिजन मिले। आईएएस राजेंद्र के आवास पर रहने वाला गार्ड तक नहीं मिला। घर में कोई सदस्य मौजूद नहीं होने के कारण एसीबी ने घर के अंदर सर्च नहीं किया। एसीबी ने राजेंद्र विजय के अन्य आवासों पर भी छापेमारी की है। एसीबी द्वारा यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। फिलहाल राजेंद्र विजय कोटा के संभागीय आयुक्त हैं। IAS राजेंद्र विजय मूल रूप से दौसा जिले के दुब्बी गांव के रहने वाले हैं।


25 सितंबर को ही बने थे कोटा संभागीय आयुक्त
इस कार्रवाई ने एक बार फिर सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 25 सितंबर को कोटा संभागीय आयुक्त के पद पर बैठने वाले विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर यह छापा मारा गया है, जो न केवल उनके प्रशासनिक करियर बल्कि सरकार की पारदर्शिता के दावों पर भी बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।


पहले रुडसिको में कार्यकारी निदेशक पद पर थे
दरअसल राजेंद्र विजय को इससे पहले जयपुर में रुडसिको में कार्यकारी निदेशक (Executive Director at Rudsico) पद पर लगाया था, लेकिन ज्वाइनिंग के पांच दिन बाद ही कोटा तबादला कर दिया है। कोटा में ज्वाइनिंग के पांच दिन ही उनके आवास पर एसीबी ने छापा मार दिया। रुडसिको से उनके तबादले के बाद भ्रष्टाचार की आशंका को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की सर्च जारी है।


पद संभालते ही किया था कि विकास का दावा
बहरहाल कोटा में राजेन्द्र विजय ने पद संभालते ही यह दावा किया था कि विकास की राह में आने वाली चुनौतियों से निपटा जाएगा, परंतु सवाल यह उठता है कि क्या यह चुनौतियाँ वास्तव में विकास की हैं, या फिर भ्रष्टाचार से लिप्त उन अफसरों की, जो खुद इस व्यवस्था के भागीदार बन चुके हैं? सरकारी आवास से लेकर दौसा स्थित पैतृक घर तक, हर ठिकाने पर छापे की कार्रवाई यह साबित करती है कि भ्रष्टाचार केवल जमीनी स्तर पर ही नहीं, बल्कि उच्चतम पदों तक भी गहराई से जड़ें जमा चुका है।


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