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सब्जियों पर महंगाई की मार: ज्यादातर सब्जियां 100 के पार, टमाटर और ज्यादा लाल ?

green vegetables

green vegetables

जयपुर। मानसून सीजन में ज्यादा बारिश का असर रसोई तक पहुंच गया है। अधिक बारिश होने के कारण खेतों में हरी सब्जियां (green vegetables) खराब हो गईं हैं। सब्जियों के गलने के चलते इनके भावों में काफी तेजी देखने को मिल रही है। 20 से 30 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर(Tomato) 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। टमाटर के भाव बढ़ने से डिब्बा बंद टमाटर प्यूरी (Tomato Puree) की बहुतायत में खरीद हो रही है। ऐसे में प्यूरी की डिमांड बढ़ी और फ्रेश टमाटर की आवक में कुछ कमी आई है।


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नासिक से आता है टमाटर

मुहाना मंडी (Muhana Mandi) में रोज 35 ट्रक टमाटर की जगह अब केवल 20 ट्रक टमाटर आ रहे हैं। लगातार कीमत बढ़ने के कारण फ्रेश टमाटर की सप्लाई पर रोक जैसी स्थिति बनी हुई है। मुहाना में नासिक (Nashik) से टमाटर आता है वहां भाव में तेजी आने से डिमांड में कमी आई है। आगामी 10 दिन में लोकल टमाटर आने शुरू होने से 20 रुपए तक भाव आ सकते हैं।


सेव से महंगा बिक रहा टमाटर
हरी सब्जियों की कीमत फलों से अधिक हो गयी है। आलम यह है कि बाजार में बेहतर किस्म का सेब (Apple) एक सौ रुपये किलो बिक रहा है, जबकि गोभी (Cauliflower) 120 रुपये, टमाटर 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा है। अधिकांश सब्जी के कीमत में बढ़ोतरी है। दूसरी ओर सलाद में प्रयोग किया जाने वाली हरी मिर्च और नींबू (Green chilli and lemon) के दामों में भी उछाल है। हरी मिर्च इतनी तीखी हो गई है, कि लोगों ने इसका इस्तेमाल करना ही छोड़ दिया है।


अनार से भी महंगा
हरी सब्जियों के दामों में उछाल से आम लोग बेहाल है। बढ़ती हुई महंगाई के कारण बाजारों में भी मंदी छाई हुई है। सब्जी बिक्रेताओं ने कहा कि पहले ग्राहक 1 से 2 किलो टमाटर की खरीदारी करते थे, अब वही लोग ढाई सौ ग्राम टमाटर में अपना काम चला रहे हैं। टमाटर महंगा होने के कारण लोगों की जेबों पर भी खासा प्रभाव डाल रहा है। आलम यह है, कि वर्तमान में टमाटर सेब एवं अनार से भी महंगा बिक रहा है। भिंडी, घीया क्रमश 50-50 एवं 80 रुपए प्रति किलो बिक रही है।


सब्जियों का अन्य विकल्प तलाशने में जुटी गृहणियां
गृहिणी हरी सब्जियों की जगह किसी अन्य विकल्प से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की जुगत में लग गई है। आलू प्याज सहित हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि के कारण आम लोगों का जीना दूभर हो रहा है। महंगाई की यह मार आगे कितना सताएगा यह तो आने वाले समय ही तय करेगा। महंगाई की मार से घरेलू बजट अपना रंग छोड़कर बदरंग हो चुका है। महंगाई की मार से गृहिणियों को अपनी घरेलू बजट से किचन संभालने में कई आवश्यकताओं की कटौती करनी पड़ रही है। उन्हें किचन संभालना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा प्रति दिन उपयोग में आने वाले हर प्रकार की घरेलू सामग्रियों के दामों में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जिसमें साबून, सर्फ, पेस्ट, बिस्किट, बच्चों का दूध एवं मैगी नूडल्स शामिल है।


मेवों के दाम बढ़े
नवरात्र के चलते फलों, सब्जियों और मेवों के दाम बढ़ गए हैं। पूजन सामग्री सहित किराना से जुड़े सामानों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। कारोबारियों ने नया स्टॉक मंगा लिया है। महंगाई की वजह से इस बार श्रद्धालुओं को जेब ढीली करनी पड़ेगी। किराना कारोबारी के मुताबिक नारियल 80 से बढ़कर 240, काजू छह सौ से बढ़कर 850, किशमिश 200 से बढ़कर 300, मखाना 1200 से बढ़कर 1300 रुपये प्रति किलो पहुंच गया हैं। चिरौंजी 26 सौ से घटकर 22 सौ रुपये पर आ गई है। कुटू का आटा 80 तो सिंघाड़े का आटा 300 रुपये किलो तक जा पहुंचा है। बारिश के चलते बाजार में कम आवक होने से इस बार कीमतें बढ़ी हैं। लागत निकालने के लिए किसान भी ऊंचे दाम पर फसल बेच रहे हैं। वहीं, कई पर सीमा शुल्क भी बढ़ जाने से कीमतें तेज हो रही हैं।


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