Innovation:अब डिजिटल तरीके से चेक की जाएगी स्टेट ओपन स्कूल की कॉपियां, हुआ हाइटेक

साल 2005 में स्थापित बोर्ड के द्वारा पिछले बीते वर्षों में परीक्षाएं तो हुई लेकिन कुछ खास नवाचार नहीं हुए। लेकिन जैसे ही भजन लाल सरकार बनी और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बने उन्होंने इस ओपन स्कूल में नए नवाचार शुरू किए। पहले जहां 543 संदर्भ केंद्र होते थे अब उनकी संख्या बढ़ाकर 983 कर दिए। परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। अब एक और नया प्रयोग करते हुए पहले जहा कॉपी जांचने के लिए विक्षक को ओपन स्कूल कार्यालय आना पड़ता था अब उन्हें अभी हो रही स्ट्रीम 2 की परीक्षा की कॉपी डिजिटल तरीके से जांचने के लिए दी जायेगी। यानी की परीक्षा के बाद कॉपी स्कैन करके विक्षक को लैपटॉप में दी जायेगी और विक्षक लेपटॉप में ही उस स्कैन कॉपी की जांचेगा। उसके बाद छात्र के प्राप्त अंक सीधे बोर्ड के कंट्रोल रूम में पहुंच जायेंगे।

धर्मेन्द्र सिंहल/जयपुर। भजन लाल सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की कवायद में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रयास रंग ला रहे है। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल अब हाईटेक (Rajasthan State Open School now hi-tech) होने जा रहा हैं। स्कूल शिक्षा में पहली बार परीक्षा की कॉपी डिजिटल तरीके से चेक की जाएगी। जिससे की परीक्षा की पारदर्शिता भी बढ़ेगी और काम भी जल्दी होगा। अभी बोर्ड की स्ट्रीम दो की परीक्षा जारी है और इस परीक्षा की कॉपी विक्षक लैपटॉप में जांचेंगे। आखिर कैसे होगा यह पूरा काम आइए पढ़तें है इस खास रिपोर्ट में।


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स्टेट ओपन स्कूल के 440 संदर्भ केंद्र बढ़ाए

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल वरदान है उन विद्यार्थियों के लिए जिनकी पढ़ाई बीच में रह जाती है। ऐसे विद्यार्थी कक्षा 10 कक्षा 12 वीं ओपन स्कूल से घर बैठे पढ़ाई करके पास करते है। साल 2005 में स्थापित बोर्ड के द्वारा पिछले बीते वर्षों में परीक्षाएं तो हुई लेकिन कुछ खास नवाचार नहीं हुए। लेकिन जैसे ही भजन लाल सरकार बनी और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) बने उन्होंने इस ओपन स्कूल में नए नवाचार शुरू किए। पहले जहां 543 संदर्भ केंद्र होते थे अब उनकी संख्या बढ़ाकर 983 कर दिए।


डिजिटल तरीके से जांचेंगें कापी
परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। अब एक और नया प्रयोग करते हुए पहले जहा कॉपी जांचने के लिए विक्षक को ओपन स्कूल कार्यालय आना पड़ता था अब उन्हें अभी हो रही स्ट्रीम 2 की परीक्षा की कॉपी डिजिटल तरीके से जांचने(check copy digitally) के लिए दी जायेगी। यानी की परीक्षा के बाद कॉपी स्कैन करके विक्षक को लैपटॉप में दी जायेगी और विक्षक लेपटॉप में ही उस स्कैन कॉपी की जांचेगा। उसके बाद छात्र के प्राप्त अंक सीधे बोर्ड के कंट्रोल रूम में पहुंच जायेंगे।


तीन जिलों में हर महीने परीक्षा करवाई जायेगी

इस प्रक्रिया से जहां विक्षकों का समय बचेगा और जल्दी काम होगा वहीं इस काम में खर्चा भी बहुत कम आएगा। इसके साथ ही ओपन स्कूल की एक और तैयारी जारी है जिसके तहत परीक्षा ऑन डिमांड करवाई जायेगी। जिसके तहत तीन जिलों में हर महीने परीक्षा करवाई जायेगी। साथ ही ओपन स्कूल का अपना पाठ्यक्रम भी लागू करने की कवायद जारी है।


सारी प्रक्रिया ऑनलाइन
स्टेट ओपन स्कूल में जहा अनाथ ,घुमंतू दिव्यांग और बालिकाओं (Orphans, nomads, disabled and girls) को फीस में शत प्रतिशत छूट दी जाती है। वही ई कंटेंट के माध्यम से पढ़ाई करने पर 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसके साथ ही फॉर्म भरने से लेकर मार्कशीट जारी करने की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होने लग गई है। जरूरत इस बात की है की सरकार के द्वारा यहां और संसाधन उपलब्ध करवा दिए जायेंगे तो यह देश का सर्वश्रेष्ठ ओपन स्कूल होगा।


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