पूर्व सभापति ने महिला की डिमांड नहीं की पूरी तो यौन शोषण मामले में फंसाया, कांग्रेस ने 6 साल के लिए कर दिया था निष्कासित

पूर्व सभापति के खिलाफ महिला ने पिछले दिनों चित्तौडग़ढ़ के सदर थाने में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज कराया था। पूर्व सभापति ने यह प्राथमिकी रद्द करने की याचिका उच्च न्यायालय जोधपुर में पेश की थी। इस याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने सुनवाई की। इस दौरान अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश मेहता महिला अपराध उदयपुर न्यायालय में पेश हुए और न्यायालय के समक्ष तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में अनुसंधान अधिकारी ने न्यायालय को अवगत कराया कि इस प्रकरण में समग्र अनुसंधान, संकलित मौखिक, दस्तावेजी और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से पाया गया कि पीड़िता ने आरोपी से करोड़ों रुपए और चण्डीगढ़ में थ्री बीएचके फ्लैट की मांग की थी। जब राशि व संपति प्राप्त नहीं हुई तो क्षुब्ध होकर झूठा अभियोग दर्ज करवा दिया।

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के पूर्व सभापति संदीप शर्मा के खिलाफ दर्ज कराया गया यौन शोषण का मामला जांच में झूठा साबित हुआ है। जांच अधिकारी हितेश मेहता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध उदयपुर ने हाइकोर्ट जोधपुर के समक्ष तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें बताया है कि अनुसंधान में यह मामला झूठा पाया गया है।


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राशि नहीं मिली तो झूठा अभियोग दर्ज

पूर्व सभापति के खिलाफ महिला ने पिछले दिनों चित्तौडग़ढ़ के सदर थाने में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज कराया था। पूर्व सभापति ने यह प्राथमिकी रद्द करने की याचिका उच्च न्यायालय जोधपुर में पेश की थी। इस याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने सुनवाई की। इस दौरान अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश मेहता महिला अपराध उदयपुर न्यायालय में पेश हुए और न्यायालय के समक्ष तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में अनुसंधान अधिकारी ने न्यायालय को अवगत कराया कि इस प्रकरण में समग्र अनुसंधान, संकलित मौखिक, दस्तावेजी और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से पाया गया कि पीड़िता ने आरोपी से करोड़ों रुपए और चण्डीगढ़ में थ्री बीएचके फ्लैट की मांग की थी। जब राशि व संपति प्राप्त नहीं हुई तो क्षुब्ध होकर झूठा अभियोग दर्ज करवा दिया।


न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी
इन तथ्यों से पूर्व सभापति के खिलाफ दर्ज कराया गया मामला झूठा पाया गया है। न्यायालय ने अनुसंधान अधिकारी की ओर से पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट को रेकार्ड में ले लिया है। अब अनुसंधान अधिकारी की ओर से निचली अदालत में इस मामले में एफआर पेश की जाएगी। गौरतलब है कि चित्तौडग़ढ़ की एक महिला ने शर्मा के खिलाफ सदर थाने में गत दिनों प्रकरण दर्ज कराया था। तब शर्मा के बयान थे कि उन्हें राजनीतिक षडय़ंत्र में फंसाया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने एफआइआर क्रेश करने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी और न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसी मामले में प्रदेश कांग्रेस ने पिछले दिनों शर्मा को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।


स्थानीय कांग्रेस नेता ने गुमराह किया
अनुसंधान अधिकारी ने उच्च न्यायालय में पेश रिपोर्ट में मेरे खिलाफ दर्ज प्रकरण को झूठा माना है। यह सत्य की जीत है। एक स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मेरा राजनीतिक भविष्य खराब करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी व जिला कांग्रेस कमेटी को गुमाराह करके मेरा कांग्रेस पार्टी से निष्कासन करवाया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व अनुशासन समिति के अध्यक्ष को पूरे प्रकरण से अवगत करवाऊंगा।
संदीप शर्मा, पूर्व सभापति, नगर परिषद चित्तौड़गढ़


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