Israel-Iran War: इजरायल-ईरान में छिड़ा युद्ध तो भारत में बढ़ जाएगी महंगाई! जानियें क्या होंगे हालात?

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ता है तो इसका वैश्विक बाजार (Global Market) के साथ-साथ भारत पर भी असर पड़ सकता है। इजरायल-ईरान के बीच कई वर्षों से तनाव चला आ रहा है। ताजा हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में यह तनाव युद्ध में बदल जाता है तो दुनिया भर में कई वस्तुओं के दाम बढ़ (Inflation) सकते हैं या यूं कहें कि भारत में महंगाई (Dearness Rate) बढ़ जाएगी। आइए जानें कौन सी वस्तुएं या सामान महंगा हो सकता है।

महेन्द्र मंगल/जयपुर। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध (Israel-Iran War) छिड़ता है तो इसका वैश्विक बाजार (Global Market) के साथ-साथ भारत पर भी असर पड़ सकता है। वॉर के प्रभाव से पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel), सोना चांदी (Gold Silver), गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) सहित कई चीजों के दाम बढ़ सकते हैं।


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दुनिया भर में कई वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ता है तो इसका वैश्विक बाजार (Global Market) के साथ-साथ भारत पर भी असर पड़ सकता है। इजरायल-ईरान के बीच कई वर्षों से तनाव चला आ रहा है। ताजा हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में यह तनाव युद्ध में बदल जाता है तो दुनिया भर में कई वस्तुओं के दाम बढ़ (Inflation) सकते हैं या यूं कहें कि भारत में महंगाई (Dearness Rate) बढ़ जाएगी। आइए जानें कौन सी वस्तुएं या सामान महंगा हो सकता है।


पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम उत्पाद
ईरान दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल उत्पादकों में से एक है। ये देश पश्चिम एशिया के संवेदनशील इलाकों में स्थित है। तेल बाजारों में अस्थिरता से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे पेट्रोल (Petrol), डीजल (Diesel) और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद (Petroleum Products) महंगे हो जाएंगे। इसका भारत पर विशेष रूप से बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतों के लिए काफी हद तक आयात (Import) पर निर्भर है।


सोना और चांदी
युद्ध के समय में निवेशक अक्सर सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने और चांदी (Gold And Silver Price) की ओर रुख करते हैं। इससे इनकी मांग बढ़ जाती है और कीमतें आसमान छू सकती हैं। भारत में सोने की खपत पहले से ही बहुत अधिक है। इस पर युद्ध का असर देखने को मिलेगा।


गैस सिलेंडर और बिजली
ईरान प्राकृतिक गैस (natural gas) के भी बड़े उत्पादकों में से एक है। युद्ध की स्थिति में ईरान की गैस निर्यातन(Iran’s gas exports) पर भी असर पड़ सकता है। जिससे यूरोप और एशिया (Europe and Asia) में ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है। भारत में भी प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा असर घरेलू गैस सिलेंडर और बिजली (LPG Cylinder And Electricity) उत्पादन पर पड़ सकता है।


खाद्य वस्तुएं (Food Items)
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष का असर वैश्विक शिपिंग रूट्स (Global Shipping Routes) पर भी पड़ सकता है, खासकर होर्मुज जलडमरूमध्य(strait of hormuz) पर। यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे होकर बड़ी मात्रा में खाद्य और कृषि उत्पादों का व्यापार होता है। अगर इस क्षेत्र में शिपिंग बाधित होती है, तो ग्लोबल सप्लाई चैन(global supply chain) प्रभावित होगी और खाद्य पदार्थों, जैसे कि गेहूं, चीनी और अन्य कृषि उत्पादों (wheat, sugar and other agricultural products) की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत में यह महंगाई खाद्य वस्तुओं पर सीधा प्रभाव डाल सकती है।


फार्मास्युटिकल उद्योग
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का अप्रत्यक्ष प्रभाव भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग (Pharmaceutical Industry) पर भी पड़ सकता है। बता दें कि भारत ज्यादातर दवाओं के लिए कच्चे माल का बड़ा हिस्सा विदेश से आयात करता है। ऐसे में दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है, जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।


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