Jaipur Bomb Blast: जयपुर बम ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला, चार दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

दोषियों में सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं। इन सभी को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121-ए, 124-ए, 153-ए, 307, यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18, और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत दोषी माना है। यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। जज जोशी ने 4 अप्रैल को ही सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था और अब सजा भी सुना दी गई है। हैरानी की बात यह रही कि सजा सुनाए जाने के बाद भी सभी आरोपी मुस्कराते हुए कोर्ट से बाहर निकले। उनके चेहरे पर कोई गिला नहीं दिखा।

जयपुर। 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम केस में चारों आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने 600 पेज का फैसला दिया है। 13 मई को 2008 को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जयपुर बम ब्लास्ट से जुड़े एक अहम मामले में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। साल 2008 में हुए इस भीषण आतंकी हमले से जुड़े एक प्रकरण में विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने चार आतंकियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।


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इन्हें हुई सजा

दोषियों में सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं। इन सभी को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121-ए, 124-ए, 153-ए, 307, यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18, और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत दोषी माना है। यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। जज जोशी ने 4 अप्रैल को ही सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था और अब सजा भी सुना दी गई है। हैरानी की बात यह रही कि सजा सुनाए जाने के बाद भी सभी आरोपी मुस्कराते हुए कोर्ट से बाहर निकले। उनके चेहरे पर कोई गिला नहीं दिखा।


शुक्रवार को दोषी करार दिया था
इससे पहले शुक्रवार को जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने चारों को दोषी करार दिया था। अदालत ने जिंदा बम केस में सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी ठहराया था।
चारों आतंकियों को इंडियन पेनल कोड की 4 धाराओं, अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) की दो, विस्फोटक पदार्थ कानून की 3 धाराओं में दोषी ठहराया गया है। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है। इनमें शाहबाज को छोड़कर अन्य को सीरियल ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। फांसी की सजा के मामले में राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।


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