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Jaipur Tanker Blast: जयपुर अग्निकांड पर पायलट ने उठाए सवाल, पूछा- हादसे के पीछे क्या कारण थे?

Jaipur Tanker Blast

Jaipur Tanker Blast

जयपुर। राजधानी जयपुर के अजमेर रोड पर शुक्रवार सुबह हुए भीषण एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे (Horrific LPG tanker blast accident) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। शनिवार को दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। इस हादसे में झुलसे 31 घायलों का इलाज जयपुर के SMS और जयपुरिया अस्पताल में चल रहा है, जिनमें से 27 लोग 80 फीसदी से ज्यादा झुलसे हुए हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।


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कैसे हुआ जयपुर अग्निकांड?

बता दें, SMS अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पहुंचाए गए 5 शव इतने बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है। शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट की तैयारी की जा रही है। उसके बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। आपको बता दें, यह भयावह घटना शुक्रवार सुबह 5:45 बजे अजमेर रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास हुई। भारत पेट्रोलियम का एलपीजी टैंकर (LPG tanker of Bharat Petroleum) अजमेर से जयपुर की तरफ आ रहा था और यू-टर्न लेते समय जयपुर से अजमेर की ओर जा रहे ट्रक से भिड़ गया। टक्कर के बाद टैंकर में आग लग गई, जिसने कुछ ही पलों में 40 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें 29 ट्रक, 2 यात्री बसें, 2 गैस टैंकर, 3 कारें, 3 मोटरसाइकिल और 2 पिकअप वाहन शामिल थे।


पायलट ने घायलों से की मुलाकात
बताते चलें कि शनिवार सुबह राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Former Deputy CM of Rajasthan Sachin Pilot) ने SMS अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है। कुछ लोग अब भी गंभीर स्थिति में हैं। उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। हादसे के पीछे के कारणों की जांच की जानी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, परिवहन के साधन भी बढ़ रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का कड़ाई से पालन किया जाए। इस हादसे से हमें सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जनता और सरकार दोनों को जिम्मेदारी निभानी होगी।


हादसे में 40 से ज्यादा वाहन फूंके
हादसे में कुल 40 से अधिक वाहन जलकर खाक हो गए। आग लगने के कारण इलाके में यातायात प्रभावित हुआ, जिसे प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद बहाल किया जा सका। बता दें यह हादसा सड़क सुरक्षा नियमों और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की अनदेखी की ओर इशारा करता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि यातायात नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करना किस कदर भयावह हो सकता है।


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