म्हारीं छोरी छोरों से कम है के….9 सालों से जीत की हैट्रिक,जानें क्या है पूरी कहानी ?
शुरुआत में तो लगा कि ये बेलन पकड़ने वाली छात्राए पता नहीं हॉकी में अच्छा कर पाएगी या नहीं लेकिन छात्राओं की कड़ी मेहनत और लगन ने उनकी सोच बदलकर रख दी और छात्राओं ने 2016 में प्रारंभ किया जीत का सिलसिला 2024 तक जारी रखा हुआ है और रायपुरिया में आयोजित 68 वीं ज़िला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता विजेता बन कर लगातार 9 वीं बार ख़िताब अपने नाम किया। और इतना ही नहीं छात्रों ने भी 7 वीं बार ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया।
भरत कुमार/जालोर । म्हारीं छोरी छोरो से कम है के….इस डायलॉग को झाक गाँव की बेटियों ने सच करके दिखाया है। बेटियों ने हॉकी (Hockey) में कामयाबी की ऐसी कहानी लिखी है कि सब सलाम कर रहे है। जब हौसले बुलंद हो तो तरक़्क़ी कदम चूमती है… फिर दायरा नहीं रहता कि आप कहाँ रहते है? क्या करते है? गाँव में रहते हैं या शहर में?
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बचपन में हॉकी खेलना तो दूर देखा तक नहीं
राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) ज़िले की जसवंतपुरा (Jaswantpura) तहसील का 400 घरों की आबादी वाला एक गाँव है झाक(Jhak) । यहाँ की बेटियों ने लिखी हॉकी में कामयाबी की कहानी (success story) । जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। ख़ास बात यह है कि बचपन में इन्होंने हॉकी खेलना तो दूर देखा तक नहीं था। मगर जब स्कूल में मौक़ा मिला तो थामी हॉकी और फिर लगातार 9 साल से ज़िले के किसी भी स्कूल की टीम इन्हें हरा नहीं पाई है।
शिक्षक राजेंद्र सिंह मांडोली के प्रयासों का नतीजा
घर पर कभी चूल्हा चौका (stove stove) तक सीमित रहने वाली इन छात्राओं के चैंपियन बनने की कहानी झाक गाँव के शिक्षक राजेंद्र सिंह मांडोली (Teacher Rajendra Singh Mandoli) के प्रयासों का नतीजा है। जिन्होंने बेटियों के उड़ान में पंख (wings in flight) लगा दिए। दरअसल झाक गाँव में शारिरिक शिक्षक (physical teacher) का पद लंबे समय से ख़ाली था परंतु जब 2012 में शिक्षक राजेंद्र सिंह मांडोली को लगाया गया था तो उन्होंने शारीरिक शिक्षक की भूमिका निभाते हुए बेटियों को खेलकूद में आगे बढ़ाने के लिए अभिभावकों (parents) को घर-घर पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेल के बारे में जागरूक किया।
छात्रों ने भी 7 वीं बार ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया
शिक्षक राजेंद्र सिंह मांडोली ने कहाँ कि शुरुआत में तो लगा कि ये बेलन पकड़ने वाली छात्राए पता नहीं हॉकी में अच्छा कर पाएगी या नहीं लेकिन छात्राओं की कड़ी मेहनत और लगन ने उनकी सोच बदलकर रख दी और छात्राओं ने 2016 में प्रारंभ किया जीत का सिलसिला 2024 तक जारी रखा हुआ है और रायपुरिया में आयोजित 68 वीं ज़िला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता विजेता बन कर लगातार 9 वीं बार ख़िताब अपने नाम किया। और इतना ही नहीं छात्रों ने भी 7 वीं बार ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया।
ग्रामीणो ने ज़ोरदार स्वागत किया
यह सब शिक्षक राजेंद्र सिंह मांडोली की ट्रेनिंग का नतीजा है कि झाक गाँव की सरकारी स्कूल कि टीम ज़िले की सबसे धाकड़ टीम बनी हुई है। तभी तो इस वर्ष झाक स्कूल कि टीम ने ज़िला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में भाग ले रही सभी टीमों को पछाड़कर दोनों वर्गों छात्र/छात्रा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। और बेटियों की टीम जब लगातार 9 वीं बार ख़िताब जीतकर झाक पहुँची तो ग्रामीणो ने ज़ोरदार स्वागत किया। और कंधों पर बिठाकर डीजे की साथ जुलूस निकाला। जमकर डांस किया और सबके मुँह पार एक ही नाम था कि म्हारीं छोरी छोरों से कम है के…
सामाजिक, धार्मिक एवं जीव दया
राजेंद्र सिंह मूलतः पास के ही गाँव माण्डोली के रहने वाले है। वर्तमान अध्यापन के साथ साथ खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने और पिछले 9 साल से blo का चार्ज भी उनके पास है वर्तमान में शिक्षक संघ प्रगतिशील जसवंतपुरा के ब्लॉक अध्यक्ष है और अपने गाँव में हनुमान सेवा समिति के माध्यम से विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं जीव दया के कार्य करते है।
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