MP Rajkumar Roat: सांसद का ‘हिंदू मंदिर’ जाने पर क्यों हो रहा है विरोध? जानें समर्थकों से कहा सांसद ने?
आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमल कांत कटारा ने लिखा कि, “बांसवाड़ा-डूंगरपूर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि सांसद लगातार बयान दे रहा है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है, फिर वह किस योजना के तहत हिन्दू धाम घोटिया आंबा पर कार्यक्रम कर रहा है। घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां स्थापित हैं और शिव मंदिर भी है। पवित्र कुण्ड है जहां हिंदू परंपरा से अस्थि विसर्जन होता है।” उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को बार-बार हिन्दू नहीं है, ऐसी घोषणाएं करने वाला आदमी बार-बार पवित्र और शुद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल पर अपना राजनीतिक कार्यक्रम क्यों कर रहा है?
बांसवाड़ा। बांसवाड़ा में घोटिया आंबा धाम (Ghotia Amba Dham) पर भारत आदिवासी पार्टी (Bharat Adivasi Party) द्वारा आदिवासी अधिकार दिवस(tribal rights day) मनाए जाने का जमकर विरोध हो रहा है। इस आदिवासी अधिकार दिवस कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत (MP Rajkumar Roat) भी शामिल होंगे, लेकिन उससे पहले ही यहां आने को लेकर विरोध किया जा रहा है। आदिवासी आरक्षण मंच (Tribal Reservation Forum) के लोगों का कहना है कि सांसद आदिवासी को हिंदू नहीं मानते, तो हिंदू धर्म स्थल (Hindu religious place) पर क्यों आ रहे हैं? वहीं समिति ने इस मामले को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।
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सांसद रोत ने कहा माहौल खराब करने की कोशिश
वहीं, सांसद राजकुमार रोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, “शांत प्रिय आदिवासी क्षेत्र (quiet dear tribal area) को अशांत करने के उद्देश्य से भोले-भाले लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे! साथ ही पुलिस प्रशासन (police administration) इस तरह के लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें। ये वही लोग है जिन्होंने शांति प्रिय काकरी आन्दोलन (Kakari movement) के अंदर घुसकर उग्र करवाया था।”
आदिवासी आरक्षण मंच ने पुलिस से की अपील
इससे पहले फेसबुक पर आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमल कांत कटारा (Coordinator Kamal Kant Katara) ने लिखा कि, “बांसवाड़ा-डूंगरपूर पुलिस प्रशासन (Banswara-Dungarpur Police Administration) को ध्यान देना चाहिए कि सांसद लगातार बयान दे रहा है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है, फिर वह किस योजना के तहत हिन्दू धाम घोटिया आंबा पर कार्यक्रम कर रहा है। घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां (Statues of Pandavas from ancient times) स्थापित हैं और शिव मंदिर भी है। पवित्र कुण्ड है जहां हिंदू परंपरा (hindu tradition) से अस्थि विसर्जन (Bone Immersion after death) होता है।” उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को बार-बार हिन्दू नहीं (not hindu) है, ऐसी घोषणाएं करने वाला आदमी बार-बार पवित्र और शुद्ध (holy and pure) हिन्दू धार्मिक स्थल पर अपना राजनीतिक कार्यक्रम (political event) क्यों कर रहा है? यह क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कदम उठा रहा है। या तो ‘आदिवासी हिन्दू नहीं है’ ऐसा कहना छोड़कर पूर्व के बयानों पर माफी मांग ले या फिर घोटिया आंबा का कार्यक्रम निरस्त कर ले।
सांसद को माफी मांगनी होगी
कमल कांत कटारा (Kamal Kant Katara) ने कहा कि ऐसी घोषणा करने वाले आदमी को किसी भी सूरत में पाण्डव धाम (Pandav Dham) पर आने का अधिकार नहीं है। अपना बयान वापस लेकर माफी मांगने पर ही उसे पांडव धाम पर आने दिया जाएगा अन्यथा नहीं। चाहे वो सांसद हो या विधायक (MP or MLA), लेकिन विरोधी बयान (opposing statement) देना और फिर उन्हीं स्थानों पर कार्यक्रम करना आदिवासियों को बरगलाना है। बांसवाड़ा प्रशासन (Banswara Administration) ध्यान दें यह शांतिपूर्ण और विनम्र अनुरोध है। कार्यक्रम तभी होगा जब राजकुमार अपना बयान वापस लेकर माफी (Forgiveness) मांगेगा वरना हम उसे घोटिया आंबा धाम पर कदम नहीं रखने देंगे। कीमत चाहे कुछ भी चुकानी पड़े, तैयार हूं (ready to pay whatever price it may be.)।
पहले भी हो चुका है आयोजन
उल्लेखनीय है कि बाप पार्टी द्वारा संविधान (Constitution) में दिए गए अधिकारों को लेकर जनजागरण (Public awareness) के उद्देश्य से कई जिलों में आदिवासी अधिकार दिवस का अयोजन किया जा रहा है। इसके तहत अभी बांसवाड़ा में यह दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले ऐसा आयोजन उदयपुर और प्रतापगढ़ (Udaipur and Pratapgarh) में भी किया जा चुका है। बांसवाड़ा के इस कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत भी शामिल होंगे, मगर रोत का आदिवासी आरक्षण मंच विरोध कर रहा है।
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