Naresh Meena Slap Case: समरावता में थप्पड़ कांड, उपद्रव-आगजनी मामले को लेकर टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा का बड़ा बयान
जिला कलेक्टर सौम्या झा ने कहा कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद जिले में स्थिति सामान्य है। हर 15 किमी पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है वहीं सुरक्षा को लेकर 5 कंपनियां जिले में तैनात हैं। बाकी जिलों से भी फोर्स तैनात की गई है। नरेश मीणा की धरना स्थल पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर कलेक्टर ने कहा कि 'फोन पर बात करने की कोशिश की' थी। 'चुनाव के दौरान लिखित आश्वासन संभव नहीं था'। ग्रामीणों की मांग वाजिब थी हम मान रहे थे'। 'आचार संहिता के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी की जाएगी'।
टोंक। समरावता में थप्पड़ कांड, उपद्रव-आगजनी के बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी मामले को लेकर टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा का बड़ा बयान सामने आया हैं। टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा (Tonk District Collector Saumya Jha) ने कहा कि बिना किसी प्रोवोकेशन के एरिया मजिस्ट्रेट को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने थप्पड़ मारा था।
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50 से भी ज्यादा आरोपी बाहर के
मतदान के बाद लौट रही पोलिंग पार्टी को भी नरेश मीणा और उनके समर्थकों द्वारा रोकने की कोशिश की गई थी। पुलिस और प्रशासन ने मामले को लेकर समझाइश की कोशिश की थी, लेकिन उपद्रवियों द्वारा पुलिस प्रशासन पर हमला किया गया। मामले में डिटेन किए गए 60 आरोपियों में से 50 से भी ज्यादा आरोपी बाहर के है। पूरे घटनाक्रम को प्री-प्लानिंग के साथ बाहर के लोगों द्वारा अंजाम दिया गया।
स्थिति पूरी तरह से सामान्य
ग्रामीणों की मांगों को कॉ-ऑप्ट किया गया। ग्रामीणों की भावनाओं को यूटीलाइज करके अपना पॉलिटिकल सिक्का जमाने की कोशिश की गई। हमने इलेक्शन प्रोसेस में नहीं आने दी किसी भी तरह की कोई बाधा। इलेक्शन प्रोसेस पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराया है। अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। जिला कलेक्टर ने सभी जिलेवासियों से शांति की स्थिति को बनाए रखने की अपील की है।
आचार संहिता के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी की जाएगी
जिला कलेक्टर सौम्या झा ने कहा कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद जिले में स्थिति सामान्य है। हर 15 किमी पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है वहीं सुरक्षा को लेकर 5 कंपनियां जिले में तैनात हैं। बाकी जिलों से भी फोर्स तैनात की गई है। नरेश मीणा की धरना स्थल पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर कलेक्टर ने कहा कि ‘फोन पर बात करने की कोशिश की’ थी। ‘चुनाव के दौरान लिखित आश्वासन संभव नहीं था’। ग्रामीणों की मांग वाजिब थी हम मान रहे थे’। ‘आचार संहिता के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी की जाएगी’।
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