Navratri 2024 : दुर्लभ संयोग के साथ इस बार दस दिन के होंगे नवरात्र, जानिए घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ समय
इस बार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को है, इस दिन हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे। कन्या राशि (Virgo sun sign) का चंद्रमा रहेगा वह भी शुभदायक है। नवरात्र पूरे दस दिनों के होंगे। 12 अक्टूबर को महानवमी के साथ नवरात्र पूर्ण होंगे, इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रों में इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है । तृतीया तिथि शनिवार और रविवार दो दिन रहेगी। इससे नवरात्र 10 दिन के हो गए हैं लेकिन महानवमी शनिवार 12 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजे तक रहेगी उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। शाम को प्रदोष वेला में दशमी होने से दशहरा 12 अक्टूबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक (auspicious fruitful) माना गया है । शास्त्रों में मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।
लीलाधर कुमावत/जयपुर। शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratr) पर घट स्थापना के समय इस बार पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग (happy coincidence) रहेगा। वहीं तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में राजस्थान की प्रसिद्ध शाकम्भरी, जमवाता माता, जीण माता व मनसा माता सहित सभी शक्ति मंदिरों में भक्ति के कार्यक्रम होंगे। वहीं इसी दिन से मार्केट में फेस्टिवल सीजन (Festival season in the market) की शुरुआत हो जाएगी।
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3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रा
3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रा का शुभारंभ होगा। जयपुर दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन (Jaipur Durgabari Association) की ओर से नवरात्रा को लेकर बंगाली समाज के द्वारा भी पूजा अर्चना की जाती हैं। जयपुर के बनीपार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में दुर्गा पूजा का शुभारंभ 9 अक्टूबर से लेकर 12 अक्टूबर तक किया जाएगा। इस बार संगमरमर से निर्मित दुर्गा महिषासुर मर्दानी दुर्गति नाशनी की मूर्ति को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ कलकत्ता से आएं कलाकार पिछले ढ़ाई महीने से काली मिट्टी से दुर्गा के विभिन्न रूपों का बखान किया जाएगा।
नवरात्र दस दिन के होंगे
शारदीय नवरात्र पर घट स्थापना (decrease establishment) के समय इस बार पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। वहीं तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में राजस्थान की प्रसिद्ध शाकम्भरी, जमवाता माता, जीण माता व मनसा माता (Shakambhari, Jamvata Mata, Jeen Mata and Mansa Mata) सहित सभी शक्ति मंदिरों में भक्ति के कार्यक्रम होंगे। वहीं इसी दिन से मार्केट में फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो जाएगी। जयपुर समेत प्रदेश के सभी बाजारों को बूस्टर डोज मिलेगा। व्यापारियों ने भी नवरात्र के लिए अभी से तैयारियां शुरू की दी है। नए मॉडल के वाहन, गहने, कपड़े, पेंट, डेकोरेशन (Vehicles, Jewelry, Clothing, Paint, Decoration) का सामान मंगवा लिया है। शोरूम में विशेष सजावट शुरू हो गई है।
तृतीया तिथि की वृद्धि, इस बार दस दिन के होंगे नवरात्र
पंडितों ने बताया कि हर बार नवरात्र स्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग (Chitra Nakshatra and Vaidhriti Yoga) रहता है, जो कि घट स्थापना में टाला जाता है। लेकिन इस बार कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग (Chaturgrahi Yoga in Virgo) बनेगा। जिसमें बुध, सूर्य, केतु और चंद्रमा विराजमान रहेंगे। इसके अलावा कन्या राशि में सूर्य बुध से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। साथ ही शुक्र और राहु ग्रह (Venus and Rahu planet) के बीच षडाष्टक योग भी बनेगा।
हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे
अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हर वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को है, इस दिन हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे। कन्या राशि (Virgo sun sign) का चंद्रमा रहेगा वह भी शुभदायक है। नवरात्र पूरे दस दिनों के होंगे। 12 अक्टूबर को महानवमी के साथ नवरात्र पूर्ण होंगे, इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रों में इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है । तृतीया तिथि शनिवार और रविवार दो दिन रहेगी। इससे नवरात्र 10 दिन के हो गए हैं लेकिन महानवमी शनिवार 12 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजे तक रहेगी उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। शाम को प्रदोष वेला में दशमी होने से दशहरा 12 अक्टूबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक (auspicious fruitful) माना गया है । शास्त्रों में मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।
जानिए घट स्थापना का मुहूर्त
देवी पुराण में प्रात: के समय ही देवी का आह्वान(invocation of the goddess), स्थापना व पूजन करने का लिखा है। अत: प्रात: काल में ही देवी का आह्वान कर घट स्थापना की जाएगी। घट स्थापना का समय इस प्रकार है।
सर्वश्रेष्ठ समय(best time): प्रात: काल 6 बजकर 24 मिनट 8 बजकर 45 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त(Abhijeet Muhurta): दिन में 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक।
चौघड़िया मुहूर्त(Choghadiya Muhurat): शुभ का चौघड़िया प्रात: 6 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक।
चर, लाभ व अमृत के चौघड़िये(Choghadiyas of Char, Labh and Amrit): दिन के 10 बजकर 48 मिनट से दोपहर 3 बजकर 12 मिनट तक।
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