Nutrition Nutri Kit Scheme: गर्भवती महिलाओं को मिलेगा देसी घी, पिंड खजूर व मखाने
मुख्यमंत्री सुपोषण न्यूट्री किट योजना में 2 लाख 35 हजार महिलाओं को लाभ मिलेगा। यह न्यूट्री किट यूनिसेफ की गाइड लाइन के अनुसार रहेगी। सरकार इस योजना पर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रत्येक महिला पर लगभग एक हजार रुपए खर्च होंगे। इसमें भीलवाड़ा जिले में 13 हजार 347 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इससे न केवल उनकी सेहत में सुधार होगा, बल्कि बच्चे का भी शारीरिक व मानसिक विकास हो सकेगा। न्यूट्री किट में प्रोटीन, विटामिन, आयरन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ हैं। इससे महिलाओं का खून बढेगा साथ ही प्रजनन शक्ति भी बढे़गी।

जयपुर। राज्य में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों पर मुख्यमंत्री सुपोषण न्यूट्री किट योजना शुरू करेगी जिसके तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं को गर्भावस्था के अंतिम पांच महीनों में विशेष पोषण दिया जाएगा। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पिंड खजूर, देसी घी, रोस्टेड मूंगफली, रोस्टेड चना, गुड (लड्डू वाला) एवं मखाने दिए जाएंगे।
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आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलेगी सुविधा
मुख्यमंत्री सुपोषण न्यूट्री किट योजना में 2 लाख 35 हजार महिलाओं को लाभ मिलेगा। यह न्यूट्री किट यूनिसेफ की गाइड लाइन के अनुसार रहेगी। सरकार इस योजना पर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रत्येक महिला पर लगभग एक हजार रुपए खर्च होंगे। इसमें भीलवाड़ा जिले में 13 हजार 347 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इससे न केवल उनकी सेहत में सुधार होगा, बल्कि बच्चे का भी शारीरिक व मानसिक विकास हो सकेगा। न्यूट्री किट में प्रोटीन, विटामिन, आयरन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ हैं। इससे महिलाओं का खून बढेगा साथ ही प्रजनन शक्ति भी बढे़गी।
अभी मिल रहा है केवल पोषाहार
आंगनबाड़ी केंद्रों पर मध्यम व निम्न वर्ग की गर्भवती महिलाएं पंजीकृत होती हैं। फिलहाल इनको महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से केवल पोषाहार ही दिया जाता है। अब अतिरिक्त पोषाहार दिए जाने से केंद्र पर इन महिलाओं की संख्या भी बढेगी और इनको पूरक पोषाहार से खून की कमी सहित अन्य परेशानियां भी दूर होंगी। मुख्यमंत्री सुपोषण न्यूट्री किट योजना का लाभ आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकृत महिलाओं को ही दिया जाएगा।
कुपोषण की समस्या होगी दूर
राज्य सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया और कुपोषण की समस्या को दूर करने में भी यह योजना कारगर साबित होगी। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत इसे शुरू किया जा रहा है। इसके लिए वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है।
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