जयपुर। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर दीवाली (Diwali ) का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार आज यानी 29 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व (Dhanteras festival) मनाया जा रहा है। इस दिन से दीपोत्सव की शुरुआत होती है। दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना (Worship of Goddess Lakshmi) करने का विधान है। मान्यता है कि पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को कुछ चीजें अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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मां लक्ष्मी को विशेष चीजें अर्पित
दीवाली के त्योहार का सभी उम्र के लोगों को बहुत ही इंतजार रहता है। पंचांग के अनुसार, इस बार 31 अक्टूबर ( Diwali ) को दिवाली का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को कार्तिक माह में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण(Lord Shri Ram, Mother Sita and Lakshman) 14 वर्ष वनवास बिताने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही मां लक्ष्मी को विशेष चीजें अर्पित की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और धन से तिजोरी भरी रहती है।
इन चीजों को करें अर्पित
दीवाली का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। ऐसे में पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें, क्योंकि यह फूल मां लक्ष्मी को प्रिय है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। यदि जीवन में लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कौड़ी अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन खुशियों से भर जाएगा।
धन की देवी को एकाक्षी नारियल प्रिय
माना जाता है कि धन की देवी को एकाक्षी नारियल प्रिय है। ऐसे में पूजा थाली में एकाक्षी नारियल शामिल करें। इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और जातक पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं। श्रीफल को अर्पित करते समय सच्चे मन से ‘ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा’ मंत्र का जप करें। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
मां लक्ष्मी के मंत्र
इच्छा होगी पूरी
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
आर्थिक स्थिति के लिए मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
व्यापार वृद्धि मंत्र
ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
कर्ज मुक्ति मंत्र
ॐ ह्रीं महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ह्रीं ॐ
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