Onion Market in Alwar: किसानों की बल्ले बल्ले, अलवर के तीखे प्याज की बढ़ी डिमांड, मिल रहे अच्छे दाम

जिस तरह अलवर के किसान जी-तोड़ मेहनत करके प्याज की पैदावार कर रहा है और अलवर ही नहीं देश के कई राज्यों में प्याज का स्वाद पहुँच रहा है लेकिन किसानों के लिए अलवर की मंडियों में सुविधाएं नहीं हैं और ना ही बाहर से खरीद के लिए आने वाले व्यापारियों के लिए ही कुछ सुविधा हो पा रही है लेकिन अलवर की अर्थ व्यवस्था में 1000 करोड़ से ज्यादा का योगदान केवल प्याज का ही होगा।

अलवर। अलवर में प्याज की बम्पर पैदावार (Bumper yield of onion in Alwar) हो रही है और मण्डियों में इन दिनों प्याज से भरे वाहनों की भीड़ है, किसानों को अपने नम्बर का इन्तजार करना पड़ता है और जाम की स्थिति बन जाती है वहीं देश के कई राज्यों से व्यापारी अलवर में प्याज खरीदने आये हुए हैं। प्याज के ही सीजन में अलवर के किसानों को करीब 1000 से 12सौ करोड़ रुपये मिलेंगे। जिससे ना केवल किसानों की माली हालत ठीक होगी बल्कि क्षेत्र में उद्योग धन्धे भी फलेंगे फूलेंगे (Industries will also flourish in the area) ।


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सवा लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से बचत

किसान पिछले कई साल से मुनाफे के लिए परेशान है और कोरोना काल के बाद से प्याज की अच्छी फसल नहीं हो सकी है पिछले वर्ष अच्छी फसल होने के बाद अच्छे भाव नहीं मिले और किसानों को लाभ नहीं मिल सका. इस, वर्ष किसानों को 2000 से ज्यादा भाव पर भी प्याज की बिक्री (Sale of onion even at higher prices) हुई है और वर्तमान में 1300 से 1600 रुपये प्रति मण प्याज की बिक्री हो रही है. ऐसे में किसानों को सवा लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से बचत हो रही है।


15 दिन में नासिक की प्याज बाजार में आयेगी
अभी किसान अपनी उपज को लेकर परेशान है और जल्दी से जल्दी मंडी में विक्रय के लिए लाना चाहता है क्योंकि लगातार प्याज के भाव नीचे आ रहे हैं और अगले 15 दिन में नासिक की प्याज बाजार में आयेगी तो भावों में और कमी आ जायेगी। खास बात ये है कि अलवर की प्याज खरीदने (buy onion of alwar) देश के कई प्रदेशों के व्यापारी आ रहे हैं और किसान को अच्छा मुनाफा मिल रहा है लेकिन मंडी में सुविधा मांग रहे हैं ।


किसानों को सुविधाएं मुहैया नहीं
मण्डी प्रशासन की ओर से किसानों को उतनी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही जिससे कृषि वो अपनी उपज को ठीक समय पर बेच सकें। लेकिन अलवर, मालाखेड़ा और खैरथल में प्याज मण्डी (Onion market in Alwar, Malakheda and Khairthal) चल रही हैं जिसमें आवक और जावक जारी है। इसी वर्ष से मण्डी ने व्यापारियों को तिजारा में भी निजी जमीन पर प्याज का व्यापार करने की अनुमति दे दी है।


अलवर के किसान 1200 करोड़ प्याज से कमा लेंगे
बर्डोद समेत कुछ जगहों पर भी व्यापारी प्याज का व्यापार कर रहे हैं जिससे मण्डी को मण्डी शुल्क का नुकसान हो रहा है। लेकिन मण्डी अधिकारियों का मानना है कि प्याज का मण्डी प्रशासन के माध्यम से करीब 500 से 700 करोड़ का व्यापार होगा और एक प्रतिशत मण्डी शुल्क के रूप में एक अच्छी रकम भी मिलेगी वहीं 500 करोड़ से ज्यादा की उपज सीधे दिल्ली की मण्डियों में भी अलवर से पहुंचेंगी। एक अनुमान के मुताबिक अलवर के किसान 1000 से 1200 करोड़ के आसपास प्याज से कमा लेंगे। अकेले अलवर खण्ड के किसानों के प्याज के बदले इतनी धनराशी मिलेगी। मण्डी की ओर से ये प्रयास किये जा रहे हैं कि जिलें मे कुछ और स्थानों पर भी प्याज मण्डी बनाई जायें ताकि खरीद और बेचान आसान हो सके।


व्यापारियों के लिए कुछ भी सुविधा नहीं
जिस तरह अलवर के किसान जी-तोड़ मेहनत करके प्याज की पैदावार कर रहा है और अलवर ही नहीं देश के कई राज्यों में प्याज का स्वाद पहुँच रहा है लेकिन किसानों के लिए अलवर की मंडियों में सुविधाएं नहीं हैं और ना ही बाहर से खरीद के लिए आने वाले व्यापारियों के लिए ही कुछ सुविधा हो पा रही है लेकिन अलवर की अर्थ व्यवस्था में 1000 करोड़ से ज्यादा का योगदान केवल प्याज का ही होगा।


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