Operation Anti Virus: जामताड़ा को पछाड़ मेवात था नंबर एक, लेकिन, अब भजनलाल सरकार ने तोड़ी ठगों की कमर
ऑपरेशन एंटीवायरस का असर कुछ ऐसा हुआ कि साइबर ठगी के मामलों में मेवात करीब 7 महीनों में ना केवल देश में पहले से तीसरे नंबर पर पहुंचा बल्कि, साइबर ठग अपने ठिकानों को छोड़कर खेतों और जंगलों में पहुंच गए। पुलिस का दावा तो ये भी हैं कि साइबर ठगों की कई गैंग्स तो दूसरे राज्यों की ओर भी भाग चुकी हैं। बहरहाल, अब जरूरत इस बात की हैं कि साइबर ठगी की इन वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए सभी राज्यों की पुलिस एकजुट हो और इनसे जुड़ी जानकारियां भी विभिन्न राज्यों की पुलिस आपस में साझा करे। जिससे भविष्य में कोई भी क्षेत्र राजस्थान का मेवात और झारखंड़ का जामताड़ा ना बने।
जयपुर। किसी वक्त में साइबर ठगी की वारदातों का केंद्र झारखंड़ का जामताड़ा (Jamtara of Jharkhand is the center of cyber fraud incidents.) बना। और उस पर ‘जामताड़ा, सबका नंबर आएगा’ जैसी वेब सीरिज भी बनी। लेकिन, वक्त बदला तो उसी जामताड़ा को राजस्थान के मेवात क्षेत्र ने पछाड़ दिया। ऐसा भी दौर आया। जब मेवात साइबर ठगी की वारदातों में देश में बदनाम होने लगा। लेकिन, राजस्थान में भजनलाल सरकार के आने के साथ ही। सरकार ने इसे खत्म करने का प्लान बनाया। और कई ऑपरेशन शुरू हुए। जिसका असर अब दिखने भी लगा हैं।
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सेक्सटॉर्शन की वारदातों का बना गढ़
याद करिए, आज से करीब एक साल पहले का वो दौर। जब वीडियो कॉल के जरिये सेक्सटॉर्शन के मामले, (A den of sextortion incidents) टीवी की हैडलाइंस से लेकर अखबारों की सुर्खियां हुआ करते थे। कई मर्तबा वॉटसएप्प पर अनजान नंबर्स से वीडियो कॉल आने और उसे अटेंड करते ही सामने से किसी न्यूड महिला के नजर आने की चर्चाएं भी होती थी। और फिर शुरू होता था उस वीडियो को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसे मांगने का खेल। साइबर ठगी का ये पूरा खेल राजस्थान के मेवात क्षेत्र से खेला जाता था। भरतपुर, डीग और अलवर जिले के कई हिस्सें साइबर ठगों का गढ़ (Many parts of Bharatpur, Deeg and Alwar districts are dens of cyber thugs.) बन चुके थे।
जामताड़ा को पछाड़ आगे निकला मेवात
हालात कुछ ऐसे बन चुके थे कि मेवात क्षेत्र में इन संगठित साइबर ठगों के गढ़ (bastions of organized cyber thugs) में घुसने से पुलिस भी कतराती थी। और उसका असर कुछ ऐसा था कि इन साइबर ठगों की कई गैंग्स दिन भर दिन पनपती जा रही थी और मासूम लोग साइबर ठगी का शिकार होते जा रहे थे। हालात, ऐसे हो चुके थे कि साइबर ठगी के पैसों से इन ठगों ने आलीशान बंगलें बना लिए और लग्जरी गाडियां खरीद ली।
IG राहुल प्रकाश ने चलाया ‘ऑपरेशन एंटी वायरस’
लेकिन, वक्त बदला और राजस्थान में सरकार भी बदली। करीब एक साल पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा। जिन्होंने साइबर ठगी के कारण राजस्थान की बिगड़ती साख को सुधारने का मन बनाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भरतपुर रेंज IG के पद की कमान सौंपी राहुल प्रकाश को (Chief Minister Bhajanlal Sharma handed over the command of the post of Bharatpur Range IG to Rahul Prakash.) । राहुल प्रकाश ने IG का पद संभालते ही सबसे पहले पुलिस के गिरे मनोबल को मजबूत करने पर काम शुरू किया। और फिर शुरू किया साइबर ठगों के खिलाफ ऑपरेशन एंटीवायरस। जो पुलिस साइबर ठगों के अड्डे पर जाने से कतराती थी। उस पुलिस ने साइबर ठगों के ठिकानों पर छापे मारे। और उन्हें दबोचना शुरू किया। यहीं नहीं IG राहुल प्रकाश के नेतृत्व में पुलिस ने इन साइबर ठगों की सम्पत्तियों को चिह्नित करना शुरू किया। साइबर ठगी के जरिये कमाई राशि से खड़ी कई ठगों की सल्लनत पर वार शुरू किया। कई सम्पत्तियों पर पुलिस ने बुलडोजर चलाए और इन ठगों की आर्थिक रूप से कमर तोड़नी शुरू की। पुलिस ने इन साइबर ठगों की जमीनों को भी चिह्नित करना शुरू किया हैं। बताया जा रहा हैं कानूनी प्रक्रियाओं के बूते उन्हें भी कुर्क करने की तैयारी हैं।
‘ऑपरेशन एंटी वायरस’ ने तोड़ी साइबर ठगों की कमर
ऑपरेशन एंटीवायरस का असर कुछ ऐसा हुआ कि साइबर ठगी के मामलों में मेवात करीब 7 महीनों में ना केवल देश में पहले से तीसरे नंबर पर पहुंचा बल्कि, साइबर ठग अपने ठिकानों को छोड़कर खेतों और जंगलों में पहुंच गए। पुलिस का दावा तो ये भी हैं कि साइबर ठगों की कई गैंग्स तो दूसरे राज्यों की ओर भी भाग चुकी हैं। बहरहाल, अब जरूरत इस बात की हैं कि साइबर ठगी की इन वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए सभी राज्यों की पुलिस एकजुट हो और इनसे जुड़ी जानकारियां भी विभिन्न राज्यों की पुलिस आपस में साझा करे। जिससे भविष्य में कोई भी क्षेत्र राजस्थान का मेवात और झारखंड़ का जामताड़ा ना बने।
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