Panther Attack: अब आदमखोर पैंथर की खैर नहीं, थाग्रेट हंटर को मिली खात्मे की जिम्मेदारी

हैदराबाद के जाने माने शूटर नवाब शाफत अली खान गोगुंदा पहुंचे है। शाफत अली की बंदूक की गोली से कोई आदमखोर नहीं बच पाया है। बताया जा रहा है कि शूटर नवाब शफात अली खान की आंखों में स्कैनर लगा हुआ है। ऐसे में उन्होंने मौके पर पहुंच CCF सुनील छिद्री व DFO अजय चित्तौड़ा से घटना की पूरी जानकारी ली। शूटर ने आते ही आदमखोर पैंथर को पकड़ने का प्लान तैयार किया। गोगुंदा में आदमखोर पैंथर ने 12 दिनों में 7 लोगों का शिकार किया। आदमखोर पैंथर का 13वें दिन कोई सुराग नहीं लगा। वन विभाग ने अलग-अलग टीमें गठित कर रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया। आर्मी के जवानों ने ड्रोन कैमरों से रात भर निगरानी की। वन विभाग के लगे पिंजरों में पुलिस के जवानों को बिठाया।

नारायण मेघवाल/उदयपुर। उदयपुर के गोगुंदा (Gogunda of Udaipur) में अब आदमखोर पैंथर (man-eating panther) की खैर नहीं है। शूटआउट के आदेश (shootout orders) के बाद वन विभाग (forest department) ने बड़ा फैसला लिया है। और थाग्रेट हंटर (the great hunter) को आदमखोर पैंथर के खात्मे की जिम्मेदारी मिली है। इस फैसले को आखिरी हथियार (last weapon) माना जा रहा है।


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हैदराबाद के शूटर नवाब शाफत अली खान गोगुंदा पहुंचे

हैदराबाद (Hyderabad) के जाने माने शूटर नवाब शाफत अली खान (Shooter Nawab Shafat Ali Khan) गोगुंदा पहुंचे है। शाफत अली की बंदूक की गोली से कोई आदमखोर नहीं बच पाया है। बताया जा रहा है कि शूटर नवाब शफात अली खान की आंखों में स्कैनर (eye scanner) लगा हुआ है। ऐसे में उन्होंने मौके पर पहुंच CCF सुनील छिद्री व DFO अजय चित्तौड़ा (CCF Sunil Chhoti and DFO Ajay Chittaura.) से घटना की पूरी जानकारी ली। शूटर ने आते ही आदमखोर पैंथर को पकड़ने का प्लान तैयार किया। गोगुंदा में आदमखोर पैंथर ने 12 दिनों में 7 लोगों का शिकार किया। आदमखोर पैंथर का 13वें दिन कोई सुराग नहीं लगा। वन विभाग ने अलग-अलग टीमें गठित कर रात भर सर्च ऑपरेशन (search operation) चलाया। आर्मी के जवानों(army soldiers) ने ड्रोन कैमरों से रात भर निगरानी की। वन विभाग के लगे पिंजरों में पुलिस के जवानों को बिठाया। हालांकि देर रात नाले के समीप आदमखोर पैंथर का मूवमेंट देखा गया। जिसके बाद दोनों गांव के बीच में पैंथर की मूवमेंट से ग्रामीणों में भय का माहौल है। क्षेत्र के ग्रामीण रात दिन हाथों में लठ, कुल्हाड़ी व अन्य हथियार लेकर प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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प्रतापगढ़ में आदमखोर पैंथर का किया गया था एनकाउंटर
पूर्व मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव राहुल भटनागर (Former Chief Forest Conservator Wildlife Rahul Bhatnagar) ने बताया कि 17 साल बाद राजस्थान में फिर से पैंथर को गोली मारने के आदेश जारी हुए हैं। इससे पहले वर्ष 2007-2008 में प्रतापगढ़ में पैंथर द्वारा 13 लोगों का शिकार करने के बाद ऐसे आदेश जारी हुए थे।


जानिए कब-कब पैंथर ने लोगों को उतारा मौत के घाट
साल 2024 में 19 सितंबर को गोगुंदा के पास उंडीथल गांव में 16 साल की कमला गमेती पर हमला हुआ। इसके बाद 19 सितंबर को इस घटनास्थल से महज 500 मीटर दूर भेवड़िया गांव में 45 वर्षीय खुमाराम गमेती को पैथर ने शिकार बनाया। इसके अगले दिन 20 सितंबर को छाली के ही उमरिया गांव में 50 साल की हमेरी गमेती का शिकार किया। यह जगह पहले वाले हमलों से करीब 2 किलोमीटर दूर है। 28 सितंबर को गोगुंदा की ही बगडूंदा ग्राम पंचायत के गुर्जरों का गुड़ा में 55 साल की गटू बाई गुर्जर को लेपर्ड ने शिकार बनाया। 30 सितंबर को गोगुंदा की विजय बावड़ी पंचायत के राठौड़ों का गुड़ा में तेंदुए ने मंदिर के पुजारी 65 वर्षीय विष्णु पुरी पर हमला किया। यह जगह गोगुंदा से 4 किमी दूर है। इधर, तेंदुए की तलाश जारी थी कि अगले ही दिन 1 अक्टूबर 2024 को विजयबावड़ी ग्राम पंचायत के केलवों का खेड़ा में 50 वर्षीय कमला कुंवर पत्नी ओम सिंह राजपूत को शिकार बना डाला। यह गांव राठौड़ों का गुड़ा से करीब 2 किलोमीटर दूर है।


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