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Panther Attack: एक पकड़ने गए, चार मिले, फिर भी नहीं थम रहे पैंथर के हमले,अब पुजारी को बनाया निवाला

Panther Attack

Panther Attack

नारायण मेघवाल/ उदयपुर। गोगुंदा क्षेत्र (Gogunda area) में पिछले नौ दिन में एक के बाद एक पैंथर के हमलों में छह जनों की मौत हो गई। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। वन विभाग इस बीच चार पैंथर (panther) पकड़ चुका है, लेकिन इंसानों पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही इन घटनाओं को लेकर वन अधिकारी भी अचंभित है।


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पुजारी को पैन्थर ने निवाला बनाया

अब छठे आदमी को पैन्थर ने निवाला बनाया। विजय बावड़ी के राठौड़ों का गुड़ा में हमला किया, पैंथर मंदिर के पुजारी (temple priest) को जंगलों में उठाकर ले गया, मंदिर से कुछ ही दूरी पर पुजारी का शव मिला, पैंथर के लगातार हमलों से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है, वन विभाग के DFO अजय चित्तौड़ा मौके पर पहुंच गए हैं। गोगुंदा SDM डॉ. नरेश सोनी, तहसीलदार ओमसिंह लखावत (Tehsildar Om Singh Lakhawat) सहित, थानाधिकारी शैतान सिंह (Police Officer Shaitan Singh) भी मौके पर पहुंचे। पैंथर के हमले की 14दिनों में यह छठी घटना है । हालांकि 4 पैंथर अभी तक पिजरे में कैद हुए है। लेकिन इंसानों पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।


पहली घटना 19 सितम्बर को
इस इलाके में पैंथर के हमले में मौत की पहली घटना 19 सितम्बर को सुबह हुई, जब सवेरे 8 बजे छाली ग्राम पंचायत के उंडीथल गांव (Undithal village of Chhali Gram Panchayat) से पास के जंगल में बकरियां चराने गई 15 वर्षीय किशोरी कमला को पैंथर ने अपना शिकार बना लिया। इसी दिन शाम 6.30 बजे भेवड़िया गांव निवासी खुमाराम गमेती (50) को पैंथर ने अपना शिकार बनाया। दूसरे दिन 20 सितम्बर को शाम 6.30 बजे अपने खेत पर चारा काट रही उमरिया गांव की निवासी महिला हमेरी भील (50) को मार दिया। महज 36 घंटे में तीन इंसानों के शिकार से प्रशासन एवं वन विभाग में हड़कम्प मच गया। तीनों घटनाएं छाली ग्राम पंचायत में हुई।


रेस्क्यू टीमों और सेना की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया
वन विभाग ने उदयपुर, जोधपुर, राजसमंद व सिरोही (Udaipur, Jodhpur, Rajsamand and Sirohi) जिलों की रेस्क्यू टीमों और सेना की मदद से पैंथर का सर्च ऑपरेशन चलाया। 7 टीमों में 60 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी रात-दिन पैंथर को तलाशने में जुटे रहे। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार 23 सितम्बर की रात छाली ग्राम पंचायत के उमरिया गांव में दो अलग-अलग पिंजरों में दो पैंथर कैद हुए।


ग्रामीणों ने ली थी राहत की सांस
दो पैंथर पकड़ में आने के बाद प्रशासन व वन विभाग ने राहत की सांस ली थी। माना जा रहा था कि ‘नरभक्षी’ पैंथर पकड़ा गया, लेकिन इसी बीच 25 सितम्बर को शाम 7 बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुंडाऊ गांव की भील बस्ती से पैंथर 6 वर्षीय बालिका सूरज गमेती को उठाकर ले गया। 27 सितम्बर की रात इसी इलाके में एक और पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। प्रशासनिक अमले ने सुकून की सांस ली ही थी कि 28 सितम्बर की शाम को गुर्जरों का गुड़ा गांव में मवेशियों के लिए चारा लेने गई गटू बाई गुर्जर (55) को पैंथर ने निवाला बना लिया। इस बीच पहले तीन शिकार वाले क्षेत्र छाली ग्राम पंचायत में एक और पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। इधर, रविवार को गुस्साए ग्रामीणों ने दोपहर 12:15 बजे गोगुंदा-झाड़ोल मार्ग पर जाम लगा दिया। जो दोपहर दो बजे बाद हट पाया।


इस तरह किए शिकार
– 19 सितम्बर सुबह 8 बजे उंडीथल गांव की रहने वाली कमला पर हमला, हाथ व मुंह खाया हुआ, शव झाड़ियों में मिला।
– 19 सितम्बर शाम 6.30 बजे भेवड़िया गांव के रहने वाले खुमाराम गमेती को पैंथर ने अपना शिकार बनाया।
– 20 सितम्बर शाम 6.30 बजे उमरिया गांव की हमेरी भील को शिकार बनाया।
– 25 सितम्बर शाम 7 बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुंडाऊ गांव की भील बस्ती से छह वर्षीय बच्ची को उठा ले गया।
– 28 सितम्बर शाम को गटू बाई (55) पत्नी मोतीलाल गुर्जर को पैंथर ने मार डाला।


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