पुलिस मेस बहिष्कार पर सियासत गरमाई, नेता प्रतिपक्ष बोले- ‘DJP का पत्र ऐसा कि मारो और रोने भी न दो’
सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। पहले डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में मेस बहिष्कार न होने दिया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलिस कर्मियों की लंबित मांगों के समाधान के निर्देश दिए। हालांकि, सरकार के आदेशों के बावजूद पुलिस कर्मी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को समझाएं और अगर कोई मेस बहिष्कार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सरकार और पुलिस कर्मियों के बीच इस टकराव का क्या हल निकलेगा, यह देखने वाली बात होगी।

जयपुर। पहले होली का बहिष्कार और अब आज मेस बहिष्कार करने जा रहे पुलिस कर्मियों को डीजीपी यूआर साहू ने सख्त चेतावनी दे दी है। डीजीपी ने पुलिस आयुक्त, रेंज महानिरीक्षक, पुलिस उपायुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक यहां तक समस्त कमांडेंट, आर.ए.सी. बटालियन तथा प्रशिक्षण संस्थानों पुलिस कार्मिकों के मेस बहिष्कार को हर हाल में रोके जाने के लिये हिदायत दी है।
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मंगलवार से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है
राजस्थान में मंगलवार से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन इससे पहले पुलिस कर्मियों का विरोध सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। राज्य के इतिहास में पहली बार पुलिस कर्मियों ने होली का बहिष्कार किया, और अब वे 18 मार्च को मेस (भोजनालय) बहिष्कार की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस कर्मियों के व्हाट्सएप ग्रुप में मेस बहिष्कार के मैसेज तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसको रोकने के लिए डीजीपी यूआर साहू ने पुलिस अधिकारियों को आदेश जारी किया, लेकिन यह मामला अब सियासी रंग ले चुका है।
विपक्ष का हमला: सरकार पर अनदेखी का आरोप
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर पुलिस कर्मियों की मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण पुलिस कर्मियों को होली का बहिष्कार करना पड़ा और अब वे मेस बहिष्कार कर रहे हैं। जूली ने सरकार से अपील की कि वह पुलिस कर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से ले और जल्द समाधान निकाले।
सरकार हरकत में, कड़े निर्देश जारी
सोमवार को सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। पहले डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में मेस बहिष्कार न होने दिया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलिस कर्मियों की लंबित मांगों के समाधान के निर्देश दिए। हालांकि, सरकार के आदेशों के बावजूद पुलिस कर्मी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को समझाएं और अगर कोई मेस बहिष्कार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सरकार और पुलिस कर्मियों के बीच इस टकराव का क्या हल निकलेगा, यह देखने वाली बात होगी।
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