Politics: कांग्रेस के कोर वोटर मुस्लिमों ने कांग्रेस से किया किनारा, जहाँ ऑप्शन मिला मुस्लिम वोट वहीं

उपचुनाव के नतीजों के बाद यह साफ़ हो गया हैं कि कांग्रेस का परम्परागत मुस्लिम मतदाता भी कांग्रेस से दूर खिसकता जा रहा हैं, सबसे ज्यादा मतों से हारने वाली कांग्रेस के ओला परिवार की परम्परागत सीट झुंझुनू में कुल 2 लाख 74 हजार मतदाता हैं यहाँ पर करीब 68 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। चुनावों में अमूमन 90 से 95 प्रतिशत वोटिंग करने वाले मुस्लिम मतदाताओं ने इस उपचुनाव में झुंझुनू में करीब 62 प्रतिशत ही मुस्लिमो ने मतदान किया यानि सिर्फ 42000 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट डाले। इससे अंदाज लगाया जा सकता हैं कुछ मुस्लिम मतदाता वोट डालने को इच्छुक नहीं थे उनको कांग्रेस के अलावा दूसरा ऑप्शन सही नहीं लगा और कांग्रेस को वोट करना नहीं चाहते थे। और जिन 42000 मुस्लिम मतदाताओं ने मतदान किया उसमें 65 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट नहीं डाल कर निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा को वोट करने की ख़बरें आ रही हैं

रहमतुल्ला खान/जयपुर। राजस्थान की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा 5 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। वहीं कांग्रेस ने एक और एक सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने चुनाव जीता है। आपको बता दें कि इन सातों सीटों में से पहले 4 सीट कांग्रेस के पास थी और एक BJP बाकी 2 अन्य दलों के खाते में थी। इस उप चुनाव में कई सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। जिनमें झुंझुनूं, खींवसर, दौसा, रामगढ़ की सीटें शामिल है। इस चुनाव में कांग्रेस के हार के कई कारण(Many reasons for Congress’s defeat) हैं।


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मुस्लिम वोट बैक ने कांग्रेस से किया किनारा

हाल ही 23 नवम्बर को आए राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के नतीजों (Rajasthan Assembly by-election results) ने कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया हैं… कांग्रेस के कोर वोटर मुस्लिम वोट बैक ने कांग्रेस से किनारा कर लिया। रामगढ़ सीट पर हिन्दु-मुस्लिम वोटर का ध्रुवीकरण ( voters deeply hurt by nepotism) हुआ, जिसके चलते कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस के अमित ओला की हार को यहां परिवारवाद पर मतदाताओं की गहरी चोट माना जा रहा है। बार-बार टिकट ओला परिवार को दिए जाने से कांग्रेस के कोर वोटर अल्पसंख्यक समुदाय और अन्य दावेदार बेहद खफा थे। इसलिए करीब 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए, इस उपचुनाव में यह सबसे बड़ी हार है। दूसरी देवली उनियारा सीट जहाँ कांग्रेस की जमानत जब्त हुई, तीसरी खींवसर यहाँ भी कांग्रेस की जमानत जब्त हुई। यह वो सीटें है जहाँ मुस्लिम वोट बैंक का अच्छा खासा प्रभाव हैं। इन तीन सीटों पर मुस्लिम वोट कांग्रेस से छिटक गया। अब मुस्लिम वोट कांग्रेस का नहीं रहा जैसा पहले था, मुस्लिम वोट बैंक को जहाँ ऑप्शन मिलता हैं कांग्रेस से किनारा कर लेता हैं।


कांग्रेस के अलावा दूसरा ऑप्शन सही नहीं लगा
उपचुनाव के नतीजों के बाद यह साफ़ हो गया हैं कि कांग्रेस का परम्परागत मुस्लिम मतदाता (Traditional Muslim voter of Congress) भी कांग्रेस से दूर खिसकता जा रहा हैं, सबसे ज्यादा मतों से हारने वाली कांग्रेस के ओला परिवार की परम्परागत सीट झुंझुनू में कुल 2 लाख 74 हजार मतदाता हैं यहाँ पर करीब 68 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। चुनावों में अमूमन 90 से 95 प्रतिशत वोटिंग करने वाले मुस्लिम मतदाताओं ने इस उपचुनाव में झुंझुनू में करीब 62 प्रतिशत ही मुस्लिमो ने मतदान किया यानि सिर्फ 42000 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट डाले। इससे अंदाज लगाया जा सकता हैं कुछ मुस्लिम मतदाता वोट डालने को इच्छुक नहीं थे उनको कांग्रेस के अलावा दूसरा ऑप्शन सही नहीं लगा और कांग्रेस को वोट करना नहीं चाहते थे। और जिन 42000 मुस्लिम मतदाताओं ने मतदान किया उसमें 65 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट नहीं डाल कर निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा को वोट करने की ख़बरें आ रही हैं।


जहाँ ऑप्शन मिला मुस्लिम वोट वहीं
इसी तरह खींवसर में भी हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal in Khinvsar also) मुस्लिमों के लिए ऑप्शन है इसलिए यहाँ मुस्लिम वोट बैक बेनीवाल के साथ रहता हैं और कांग्रेस से अलग रहते है। प्रदेश में ऐसी कई सीटें है जहां मुस्लिम को ऑप्शन मिलते ही कांग्रेस से किनारा कर लेते हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले की शिव सीट पर चतुर्कोणीय मुकाबला हुआ था। जहाँ पर कांग्रेस उम्मीदवार अमीन खान तीसरे और भाजपा उमीदवार स्वरुप सिंह चौथे स्थान पर रहे थे जबकि भाजपा के बागी रविंद्र सिंह भाटी ने जीत हासिल की थी उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के फ़तेह खान थे। रविंद्र सिंह भाटी को करीब 15 हजार मुस्लिम वोट मिले थे यहाँ पर फ़तेह खान के अलावा मुस्लिम के लिए भाटी भी ऑप्शन था ऐसे में मुस्लिम वोटर्स ने कांग्रेस से किनारा किया निर्दलीय भाटी और फ़तेह खान को वोट दिए।


मुस्लिम युवा पीढ़ी हुई जागरूक
कुल मिलाकर कांग्रेस के मुस्लिम कोर वोटर्स को कांग्रेस को समझने की जरुरत हैं मुस्लिम युवा पीढ़ी जागरूक हो गयी हैं जो भेड़ चाल पर विश्वास नहीं करती। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं आने वाले समय के लिए कांग्रेस के यह चिंता का विषय है।


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