Rajasthan by-elections : कांग्रेस की दो टूक, उपचुनाव में रिजल्ट लाओ, नहीं तो संगठन से छुट्टी
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के साथ भितरघात की शिकायतें काफी आई थीं। इससे सबक लेते हुए उपचुनाव में निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्याशियों के साथ किसी भी तरह के असहयोग, गुटबाजी और भितरघात करने वालों पर भी नजर रखी जाएगी। अगर कहीं भी गड़बड़ी हुई तो ऐसे नेताओं पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इधर, पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए संगठन विस्तार और फेरबदल का काम रोक दिया था, अब चुनाव परिणाम बाद ही इसकी कवायद शुरू होगी। उपचुनाव में बेहतर काम करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठन में एडजस्ट किया जाएगा और निष्क्रिय पदाधिकारियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
जयपुर। राजस्थान में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress ) ने सभी सीटों पर जीत दिलाने का टास्क संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं (leaders and workers) को दिया है। जिले और प्रदेश के पदाधिकारियों को साफ कहा है कि संगठन में बने रहना है तो चुनाव प्रचार में जुट जाएं। यदि लापरवाही बरती तो संगठन से छुट्टी होगी।
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संगठन के नेताओं में हलचल
हाल ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Congress state in-charge Sukhjinder Singh Randhawa) ने कांग्रेस वॉर रूम में बैठक के दौरान इस तरह के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही संगठन के नेताओं में हलचल है। इधर, पार्टी के लिए विधानसभा उपचुनाव (assembly by-election) इसलिए भी प्रतिष्ठा का सवाल है कि सात में चार सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, ऐसे में कांग्रेस इन चारों सीटों पर तो हर हाल में वापसी करना चाहती है।
गुटबाजी और भितरघात करने वालों पर भी नजर
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के साथ भितरघात (clash with party candidates) की शिकायतें काफी आई थीं। इससे सबक लेते हुए उपचुनाव में निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्याशियों के साथ किसी भी तरह के असहयोग, गुटबाजी और भितरघात (Non-cooperation, factionalism and factionalism) करने वालों पर भी नजर रखी जाएगी। अगर कहीं भी गड़बड़ी हुई तो ऐसे नेताओं पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई (disciplinary action) की जाएगी।
उपचुनाव के चलते रोका था संगठन विस्तार और फेरबदल
इधर, पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए संगठन विस्तार और फेरबदल (Organization expansion and reshuffle) का काम रोक दिया था, अब चुनाव परिणाम बाद ही इसकी कवायद शुरू होगी। उपचुनाव में बेहतर काम करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठन में एडजस्ट (adjust to the organization) किया जाएगा और निष्क्रिय पदाधिकारियों (inactive officials) को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
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