Rajasthan By-Poll: उपचुनावों में दौसा सीट पर किसके साथ है मैच फिक्सिंग की चर्चा, जानिये क्या बोले गहलोत
चुनावों में ऐसी चर्चा जिस प्रत्याशी के लिए होती है, उसे फायदे से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि ऐसे में जनता की सहानुभूति प्रतिद्वंदी की तरफ चली जाती है। मुरारीलाल मीणा चर्चाओं में जरूर हैं लेकिन न तो वे चुनाव लड़ रहे हैं और न ही उनके परिवार से कोई मैदान में है लेकिन किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगहमोहन इन चर्चाओं की चपेट में जरूर आते दिख रहे हैं।
जयपुर। नामांकन दाखिले के बाद अब चुनाव प्रचार परवान चढ़ने लगा है, जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से दौसा सीट पर मैच फिक्सिंग (match fixing) की चर्चा दिल्ली तक होने लगी है लेकिन पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Former CM Ashok Gehlot) ने दौसा के मंच से इस चर्चा का जिक्र कर दिया। हालांकि उन्होंने इसे अफवाह (Rumor) ही बताया लेकिन उनके बयान के बाद अब यह चर्चा दौसा के घर-घर तक होने लगी है। तो क्या गहलोत भी यही चाहते थे? इसका चर्चा का सियासी फायदा (political advantage) कांग्रेस को मिलेगा या बीजेपी को यह तो बाद में ही पता चल पाएगा।
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जगमोहन और डीडी बैरवा के बीच है मुकाबला
विधानसभा उपचुनावों में राजस्थान (Rajasthan By-Poll) की 7 सीटों में से इस बार सबसे ज्यादा चर्चा दौसा की है। यहां कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा(Cabinet Minister Kirodilal Meena) के भाई जगमोहन भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस ने डीडी बैरवा (Congress DD Bairava) को प्रत्याशी बनाया है लेकिन कांग्रेस के टिकट का ऐलान होने से पहले ही यहां मैच फिक्सिंग की चर्चा दिल्ली तक चलने लगी। कहा जा रहा है कि दौसा सांसद मुरारीलाल मीणा (Dausa MP Murarilal Meena) और बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा में जगमोहन को जितवाने के लिए यहां गुपचुप समझौता हो गया है। हालांकि यह केवल चर्चाएं हैं लेकिन समय रहते यदि ऐसी अफवाहों पर स्पष्टीकरण (clarification on rumors) नहीं दिया जाए तो चुनावों पर इसका असर जरूर देखने को मिल जाता है।
गहलोत ने क्यूं किया जिक्र
राजनीति में कही गई हर बात के अपने मायने होते हैं। गहलोत ने दौसा जाकर मंच से इस चर्चा का जिक्र किया। साथ ही यह भी कहा कि इस बात की चर्चा दिल्ली तक हो रही है। गहलोत के मंच से यह बात बोलने के साथ ही अब इसके चर्चे पूरे दौसा में होने लगे हैं।
इन चर्चाओं की चपेट में कौन
चुनावों में ऐसी चर्चा जिस प्रत्याशी के लिए होती है, उसे फायदे से ज्यादा नुकसान (more harm than good) उठाना पड़ता है क्योंकि ऐसे में जनता की सहानुभूति प्रतिद्वंदी की तरफ (sympathize with the opponent) चली जाती है। मुरारीलाल मीणा चर्चाओं में जरूर हैं लेकिन न तो वे चुनाव लड़ रहे हैं और न ही उनके परिवार से कोई मैदान में है लेकिन किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगहमोहन इन चर्चाओं की चपेट में जरूर आते दिख रहे हैं।
इनकी सेटिंग हो गई
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने दौसा में हुई नामांकन सभा के दौरान कहा कि दौसा में एक दलित समाज के युवा को टिकट मिला है। इसलिए इनके पक्ष में मतदान कर कांग्रेस प्रत्याशी को विजयी बनाएं। यहां एक भ्रम फैला रखा है कि मुरारीलाल और किरोड़ीलाल के बीच मैच फिक्सिंग हो गया है। इनकी सेटिंग हो गई है। गहलोत बोले- मुरारीलाल मीणा जी ने बहुत सोच-समझकर ये काम किया है। इसलिए आप सबकी जिम्मेदारी बनती है कि आप उनको सपोर्ट करें। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में मुरारीलाल मीणा का जो व्यक्तित्व बना है, यदि आप चाहते हैं कि वो कामयाब हो तो आपको डीडी को कामयाब करना पड़ेगा।
रघु बोले- ब्राह्मण का गला घोंटकर लाए जगमोहन
दौसा चुनावों में जातिवाद हमेशा चरम पर रहता है। कांग्रेस के नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने नामांकन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसी तरह के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। मैं विशेष रूप से ब्राह्मण समाज को यह कहना चाहता हूं, जिनका गला घोंटकर बीजेपी ने जगमोहन का यहां से टिकट दिया है।
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