जयपुर। राजधानी जयपुर की सांगानेर स्थित खुली जेल में सैटेलाइट अस्पताल बनाए जाने के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकर कर लिया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एक अवमानना याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि अस्पताल की स्थापना व और खुली जेल के आधुनिकीकरण का राज्य सरकार का प्रस्ताव व्यवहार्य है।
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मुख्य सचिव अवमानना की कार्रवाई से मुक्त
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी जयपुर में सांगानेर स्थित खुली जेल की जमीन पर सैटेलाइट अस्पताल बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इस मामले में सीजेआई बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें जयपुर में 17800 वर्गमीटर के भूखंड पर खुली जेल के लिए प्रस्तावित ले आउट योजना में छेड़छाड का आरोप लगाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अवमानना की कार्रवाई से मुक्त कर दिया है और खुली जेल में सैटेलाइट अस्पताल बनाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में एक हलफनामा देने के लिए कहा है।
मौजूदा जेल की बिल्डिंग को खाली नहीं किया जाएगा
जानकारी के अनुसार सांगानेर की 22 हजार वर्गगज जमीन पर 300 बेड का सैटलाइट अस्पताल बनना है। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि रजिस्ट्रार की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने खुली जेल में आवंटित की गई 17800 वर्गमीटर के साथ 14940 वर्गमीटर और जमीन को शामिल कर नय जेल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि नई जेल नहीं बन जाती तब तक मौजूदा जेल की बिल्डिंग को खाली नहीं किया जाएगा।
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Mahendra Mangal