बहराइच हिंसा संयोग है या प्रयोग! यूपी में उपचुनाव से पहले गरमाई सियासत, जानें- क्यों उठे सवाल?
बहराइच में ये हिंसा ऐसे वक्त में हुई है जब राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं। माना जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में दो समुदायों के बीच जिस तरह इस घटना ने बड़ा रूप ले लिया है उसे लेकर कई तरह के सवाल है कि प्रदेश में जो मजहबी तनाव दिखाई दे रहा है उसके पीछे वजह उपचुनाव तो नहीं है?

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा विसर्जन के दौरान दो पक्षों के बीच हुई झड़प के बाद बवाल बढ़ गया है। इस घटना में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की मौत के बाद जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई। जिसके बाद से पूरे इलाके तनाव है। हालात को देखते हुए इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है। वहीं इस बीच अब सवाल उठने लगा है कि क्या बहराइच में जो हिंसा (Bahraich Violence) हो रही है वो ‘संयोग है या प्रयोग’।
यह भी देखें
विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां
बहराइच में ये हिंसा (Bahraich violence) ऐसे वक्त में हुई है जब राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (by election ) की तैयारियां चल रहीं हैं। माना जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) जल्द ही तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में दो समुदायों के बीच जिस तरह इस घटना ने बड़ा रूप ले लिया है उसे लेकर कई तरह के सवाल है कि प्रदेश में जो मजहबी तनाव (religious tension) दिखाई दे रहा है उसके पीछे वजह उपचुनाव तो नहीं है?
बहराइच का उपचुनाव से कनेक्शन
बहराइच की घटना को लेकर जमकर सियासत देखने को मिल रही है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (BJP spokesperson Sudhanshu Trivedi) ने भी इसे पिछले चार महीनों में किसी की ताक़त बढ़ने से जोड़ा है। बीजेपी नेता ने कहा है कि बहराइच की घटना को लेकर सीएम योगी (CM Yogi) ने सख्त आदेश दिए हैं। उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। वहीं उन्होंने हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत को कमजोर करने की साजिश (Conspiracy to weaken India) की जा रही है। हमें ये समझना होगा कि पिछले चार महीनों में इस तरह की घटनाओं में इजाफा क्यों हुआ है?
ये उन्हीं शक्तियों के टूल
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक बात समझना है कुछ महीने से किसकी ताकत बढ़ी है। पिछले कुछ समय में जिस तरह रेलवे के खिलाफ साजिश और इस तरह की घटनाएं हो रही है ये उन्हीं शक्तियों के टूल (power tools) है। देश की जनता को सोचना चाहिए कि पिछले चार महीने में इस तरह की घटना क्यों बढ़ी है? किसकी ताकत बढ़ी है। इन सभी घटनाओं को एकसाथ देखना होगा।
सपा ने लगाया गंभीर आरोप
वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भी इसे उपचुनाव से जोड़ा है। सपा ने आरोप लगाया कि उपचुनाव प्रभावित करने के लिए बहराइच दंगा कराया जा रहा है। चुनाव में लाभ लेने की कोशिश करेंगे कि ‘बटेंगे तो कटेंगे(‘If we divide, we will be divided’)’ सपा नेता वीरेंद्र सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए इस हिंसक घटना के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना के माध्यम से आने वाले उपचुनाव में लाभ लेगी। बंटोगे तो कटोगे जैसे नारों को बुलंद करेगी।
विशेष जाति को निशाना
सपा नेता ने कहा कि बहराइच की घटना को लेकर बीजेपी भ्रमित करने की कोशिश करेगी। सरकार का दावा था की हमारे कार्यकाल में दंगे नहीं होते लेकिन यह क्या हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि एक विशेष जाति को निशाना बनाया जाता है। जबकि हमारे समाज का गौरव कहे जाने वाले यादव बंधुओ द्वारा सभी परंपराओं को अपने सर पर कंधे पर उठाया जाता है।
भाजपा नहीं डरी, डर तो सपाइयों को
बहराइच कांड चर्चा में बना हुआ है,सियासत गर्म है ताजा अपडेट के अनुसार सपा नेता माता प्रसाद पांडेय (SP leader Mata Prasad Pandey) को बहराइच जाने की अनुमति नहीं मिली, ऐसे में सवाल की अभी तक बहराइच पीड़ितों से मिलने क्यों नहीं गए सपाई, मिल्कीपुर से पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ (Former MLA from Milkipur Baba Gorakhnath) ने कहा कि भाजपा नहीं डरी है, डर तो सपाइयों को है, तो वहीं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा था कि भाजपा मिल्कीपुर चुनाव अपने इंटरनल सर्वे में हार रही थी। इसीलिए मिल्कीपुर उपचुनाव(Milkipur by-election) पर संशय बना हुआ है।
यह भी पढ़ें
- BJP नेता के बेटे की पाकिस्तानी लड़की से ऑनलाइन शादी,दूल्हा बोला- मेरी बीवी को वीजा दे दीजिए
- कार्तिक मास की शुरुआत के साथ गुलाबी सर्दी की दस्तक, माउंट आबू में पारा लुढ़का
Mahendra Mangal