जयपुर। राजस्थान में ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन और नव सृजन की प्रक्रिया के तहत प्रस्तावों पर आपत्तियां ली जा रही हैं। बड़ी संख्या में आपत्तियां आ भी रही हैं, लेकिन अधिकारी उलझन में हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधि मापदंड पर खरे नहीं उतरने वाले प्रस्तावों को भी भिजवाना चाहते हैं जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है।
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जिला कलक्टरों खड़े किए हाथ
कांग्रेस की आपत्ति है कि जनसंख्या के अनुपात के जुड़े नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कलक्टरों के पास 13 मई तक आपत्तियों का निस्तारण करने समय है। भाजपा सरकार मनमाने तरीके से पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों का पुनर्गठन कर रही है। नियम-कानून तोड़े जा रहे हैं। जिला कलक्टरों ने जनता की आपत्तियां दर्ज कर आगे कार्रवाई करने की बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस ने किया था पक्षपात
पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस ने पंचायतीराज संस्थाओं के गठन में पक्षपात किया था। हमने हर वर्ग के लिए समान नियम बनाए हैं। पंचायतों के गठन में वैज्ञानिक और तर्कसंगत मापदंड निर्धारित किए हैं। भाजपा सरकार कानून के अनुसार कार्य कर रही है।
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Mahendra Mangal